ग्वालियर. मुरैना। विधानसभा चुनाव में होने वाले मतदान के लिए दीपावली का त्योहार लाभकारी साबित होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि दीपावली का त्योहार मनाने के लिए वह लोग भी वापस अपने घरों पर आते हैं, जो रोजगार के लिए दूसरे शहर-राज्यों में पलायन कर गए हैं। दीपावली 12 नवंबर को है और विधानसभा चुनाव का मतदान 17 नवंबर को होगा, ऐसे में महानगरों से लौटे यह लोग मतदान करेंगे तो मतदान का ग्राफ बढ़ेगा।
बाहर राेजगार करने वाले लौटते हैं दीपावली पर
दरअसल, ग्वालियर-चंबल संभाग में रोजगार के अवसर न के बराबर हैं, इसलिए कस्बे व ग्रामीण क्षेत्रों के लोग रोजगार की तलाश में दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल के अलावा कई राज्यों व महानगर में जाते हैं। रोजगार की जुगत में घर छोड़ चुके यह लोग कई चुनावों में मतदान ही नहीं कर पाते, लेकिन इस साल दीपावली के कारण इन लोगों को भी मतदान का अवसर मिलेगा, क्योकि दूसरे राज्य व महानगरों में मजदूरी करने के लिए गए लोगों में से अधिकांश दीपावली से पहले ही त्योहार मनाने के लिए लौट आते हैं, जो 15 दिन से लेकर एक-एक महीने रहने के बाद वापस अपने कामों पर लौट जाते हैं।
डेढ़ लाख से अधिक लोग करते हैं बाहर नौकरी
मुरैना जिले से डेढ़ लाख से ज्यादा लोग सूरत, अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, जयपुर जैसे महानगरों में काम करने जाते हैं, जिनमें से अधिकांश दीपावली मनाने लौटते हैं और एक-एक महीने बाद लौटकर अपने काम पर चले जाते हैं, फिर होली के त्योहार पर वापस आते हैं। ग्वालियर-चंबल अंचल के सबसे पिछड़े जिले श्योपुर की तस्वीर भी ऐसी है, इस छोटे से जिले में से भी एक लाख से ज्यादा लोग रोजगार के लिए घरों को छोड़कर पलायन कर चुके हैं, जो दीपावली पर अपने घर लौटकर आते हैं। मुरैना श्योपुर जैसी स्थिति भिंड, शिवपुरी, दतिया जिले में भी है, यहां से भी लाखों लोग रोजगार के लिए पलायन करते हैं।
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