छतरपुर। जिले के नौगांव क्षेत्र में लगी डिस्लरीज (शराब फैक्ट्री) का प्रदूषित और जहरीला पानी अब ज्यादा खतरनाक साबित होने लगा है। क्योंकि यह पानी अब गांवों के कुओं तक जा पहुंचा है। कुओं का पानी पीने योग्य नहीं रहा। इस कारण ग्रामीणों ने अब कुओं और हैंडपंपों का पानी तक पीना भी बंद कर दिया है। जनजीवन को प्रभावित करने वाला यह प्रदूषित पानी दो जगहों पर एकत्रित हो रहा है। जिसका पानी पीकर जानवर भी बीमार हो रहे हैं।
ऐसे हालातों की पड़ताल करने के लिए जब नईदुनिया की टीम मौके पर पहुंची तो हालात बदतर ही मिले। इस तरह की समस्या किसी एक गांव तक सीमित नहीं रही, फैक्ट्री के नजदीक करीब आधा दर्जन गांवों में इस जहरीले पानी का असर है। इस समस्या को लेकर स्थानीय ग्रामीण प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन न तो फैक्ट्री का गंदा पानी रोका जा सका और न ही जिम्मेदार फैक्ट्री प्रबंधन पर कोई कार्रवाई हो सकी है।
12 से 15 हजार की आबादी प्रभावित
चिंता की बात यह है कि इन तीन से चार गांवों की करीब 12 से 15 हजार की आबादी प्रभावित हो रही है। फैक्ट्री में उपयोग होने वाली भूसी गांवों के चारों तरफ बिखेर दी जाती है। जिसके कारण मक्खियां बढ़ रही हैं। ग्रामीणों ने सख्त शब्दों में यह तक कहा कि अधिकारियों की जेब भरदी दी जाती हैं और वे लौट जाते हैं। लेकिन गांव में ग्रामीणों का क्या हाल हो रहा है इसे किसी ने पलट कर नहीं देखा।
इन गांवों के लोग परेशान
शराब फैक्ट्री से जुड़े गांव शिकारपुर, धौरा, सुकवा, चंदोरा गांवों में ग्रामीण परेशान हैं। फैक्ट्री से निकलने वाला जहरीला पानी दो जगहों पर एकत्रित किया जाता रहा है। जहां से पानी रिसते हुए कुओं तक जा पहुंचा है। ग्रामीणों का कहना है कि कुओं का पानी एक गिलास नहीं पी सकते। अगर उसे गिलास में भरकर रख देंगे तो कुछ घंटों बाद राख नुमा परत जम जाती है। जो पानी बहकर एकत्रित हो रहा है उसे जानवरी पीकर बीमार हो रहे हैं। गावों के आसपास शराब की फैक्ट्री में उपयोग आने वाली भूसी फैलाई जाती रही है जिससे मक्खियां बड़ी मात्रा में बढ़ी है। गांव की चौपालों पर बैठना मुश्किल तक हो रहा है।
छतरपुर फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषित पानी से लोग बीमार हो रहे हैं। चारों तरफ भूसी बिछी होने के कारण गांवों में मक्खियों बढ़ रही हैं। हाल यह है कि आप शांति से बैठ नहीं सकते। प्रदूषित पानी कुओं तक आ गया है। सुनने वाला कोई नहीं होता। जो जांच करने आता है उसकी जेबें भर दी जाती हैं। ग्रामीणों की समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं है। -केशव दास, निवासी शिकारपुर
भैया हम ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं है। फैक्ट्री का जहरीला पानी खुले में बह रहा है। फसलें बेकार हो रही हैं। कुओं का पानी बेकार हो गया है। एक गिलास पानी नहीं पिया जा सकता। जानवर भी पानी पीकर बीमार हो रहे हैं। -कक्का यादव, निवासी शिकारपुर
डिस्लरीज से निकला गंदा पानी केमिकल युक्त होता है। जो पर्यावरण काे नुकसान पहुंचा सकता है। इस पानी को शत प्रतिशत सुरक्षित प्रबंधन कंपनी की ओर से किया जाना चाहिए। इस पानी का सुरक्षित इंतजाम जरूरी है। यह प्रदूषण विभाग का मामला है। बीआर वैद्य, जिला आबकारी अधिकारी, छतरपुर
डिस्लरीज से निकलते प्रदूषित पानी से किस तरह की समस्याएं ग्रामीणों को आ रही हैं मैं इसकी जांच पड़ताल कराता हूं। -संदीप जीआर, कलेक्टर
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