जबलपुर। एक चार साल की बच्ची की काले नाग के डसने से मौत हो गई। बच्ची कटनी जिले के रीठी से जबलपुर भेड़ाघाट के ग्राम नीची आई थी। बच्ची की मौत के बाद नाना में कोबरा की दहश्त इस कदर व्याप्त हुई कि वे घर में ताला डालकर बाहर आंगन में सोने लगा। सर्पमित्र गजेंद्र दुबे को जब सूचना मिली तो नीची पहुंचकर उन्होंने मकान का ताला खुलवाया और कोबरा की खोजबीन शुरू कर दी, लेकिन सांप नहीं मिला। पूरी तरह से संतुष्ट होेन के बाद परिवार मकान के भीतर तो सोने लगा लेकिन नींद अब भी उड़ी हुई है।
पेटी के नीचे छिपकर बैठा था
सर्पमित्र गजेंद्र दुबे ने बताया कि कटनी उजियारपुर रीठी में रहने वाली आराधना चड़ार (4 वर्ष) पिता दौलत चड़ार भेड़ाघाट स्थित ग्राम नीची में रहने वाले नाना रामलाल चड़ार (64 वर्ष) के यहां आई थी। नाना मजदूरी करते हैं। छह मई सोमवार को दोपहर डेढ़ बजे खेलते हुए अराधना मकान के भीतर रखी एक लोहे की बड़ी पेटी के पास खेल रही थी पेटी पर लात मार कर अठखेलियां कर रही थी तभी पेटी के नीचे छिपकर बैठे कोबरा नाग ने आराधना के बायें पैर में डंस लिया।
शव पैतृक निवास उजियारपुर रीठी ले गए
बच्ची के रोने की आवाज सुनकर परिजन दौड़ कर भीतर आए सांप को देखकर उनके होश फाख्ता हो गए। आनन-फानन में सर्पदंश से पीड़ित आराधना को मेडिकल कालेज अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उपचार के दौरान 29 घंटे बाद अराधना ने दम तोड़ दिया। बच्ची का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन बच्ची का शव उसके पैतृक निवास उजियारपुर रीठी ले गए।
शोक और दहशत में डूबा रहा परिवार
इधर इस घटना के बाद परिवार शोक और दहशत डूबा रहा। कोबरा की दहश्त ऐसी रही कि उन्होंने मकान में ताला डाल दिया तथा आंगन में सोने लगे। परिवार के जाने के बाद नाना रामलाल आंगन में ही सोते और पड़ोसी के यहां रहने लगे। रविवार को दोपहर बारह बजे सर्प विशेषज्ञ गजेंद्र दुबे को सूचना मिली तो उन्होंने मकान का ताला खुलकर बारीकी से कोबरा की तलाश की लेकिन वे नहीं मिला।
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