बुढ़ापे के सहारे के लिए जिसे अनाथ आश्रम से गोद लाई थी उसी ने उतारा मौत के घाट…दिल को दहला देने वाली यह कहानी है श्योपुर के कोतवाली थाना की जहां एक गोद लिए बेटे ने अपनी मां को मौत की नींद सुला दिया। इतना ही नहीं शव को सीढ़ियों के नीचे बाथरूम में गड्ढा खोदकर दफनाय दिया। खास बात यह कि इस घिनौनी वारदात को अंजाम देने वाला हत्यारा बेटा 12 वीं कक्षा का मेधावी छात्र भी रहा है। जो 89 प्रतिशत अंक लेकर पास हुआ था।
जानकारी के मुताबिक, रेलवे कॉलोनी निवासी भुवनेंद्र पचौरी (65) और उनकी पत्नी उषा देवी (63) के कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने अनाथ आश्रम से 20 साल पहले दीपक को गोद लिया था। उस समय दीपक 3 साल का था। साल 2015 में भुवनेंद्र नौकरी से रिटायर हो गए और 2016 में हार्टअटैक से उनकी मौत हो गई। तब से दीपक मां उषा साथ रह रहा था। लेकिन मां-बेटे के संबंध अच्छे नहीं थी। दोनों में कम ही बनती थी इसलिए दीपक दिल्ली चला गया था। अभी कुछ दिन पहले ही दीपक लौटा था और संपत्ति को लेकर मां की हत्या कर दी।
एसपी श्योपुर अभिषेक आनंद ने बताया कि दीपक ने 6 मई को मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गुमशुदगी के आधार पर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरु की। लेकिन पूछताछ में दीपक पर शक गहराता चला गया। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी बेटे दीपक ने पूरी घटना का राज उगल दिया।
बताया जा रहा है कि पैसों और संपत्ति को लेकर उनमें अकसर विवाद रहता था। 4 दिन पहले दीपक दिल्ली से लौटकर आया था। उसे शेयर मार्केट में 15-16 लाख रुपए का घाटा पड़ा था। मां के नाम पर मकान था और करीब 30 लाख की एफडी थी। दीपक की नजर मां के पैसों पर थी उस दिन भी मां से पैसे मांगने पर विवाद हुआ। उसने गुस्से में मां के सिर पर कुछ भारी चीज से हमला कर हत्या कर दी और शव को घर में दफना दिया।
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