ग्वालियर। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (आइटीआर) भरने के बाद आयकर विभाग की ओर से रिफंड जारी किया जा रहा है। कई करदाताओं को रिफंड मिल चुका है, जबकि बहुत से लोगों को अब भी इंतजार है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि आपको रिफंड तभी प्राप्त होगा, जब आपने आइटीआर के इ-सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इ-सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी अगर आपको अब तक रिफंड नहीं मिला है तो सबसे पहले अपना मेल चेक करें।
चार्टर्ड एकाउंटेंट नितीश गुप्ता के मुताबिक मेल नहीं आने पर अपना आइटीआर स्टेटस देखें क्योंकि कई बार रिफंड मिलने में देरी हो जाती है। यह देरी आयकर विभाग की वजह से नहीं होती बल्कि रिटर्न भरने में कुछ गड़बड़ी या दस्तावेजों की कमी के कारण भी हो सकती है। इसलिए पहले अपने रिफंड का स्टेटस देख लें। आयकरदाता को रिफंड मिलने में देरी की कई वजह हो सकती हैं। बैंक खाता नंबर या आइएफएससी कोड जैसी अहम जानकारियों के गलत होने पर भी रिफंड मिलने में देरी हो सकती है। इसके अलावा, बैंक खाता का प्री-वेलिडेट नहीं होना, आइटीआर सत्यापन न होना और रिटर्न भरने के बाद आयकर विभाग की ओर से मांगी गई जानकारियों का जवाब नहीं देना भी रिफंड मिलने में देरी के कारण हो सकते हैं। वर्ष 2021-22 के लिए औसत रिफंड दिन 26 थे जबकि वर्ष 2022-23 के लिए महज औसतन 16 दिन में रिफंड हो रहे है, साथ ही साथ सरकार ने इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर चल रही नइ धोखाधड़ी से आयकरदाताओं को बचने की सलाह दी है। दरअसल, साइवर ठगों की ओर से एक संदेश भेजा जा रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक निश्चित राशि का आयकर रिफंड मंजूर हो गया है। अब आपको अपने बैंक खाते को सत्यापित या अपडेट करने की जरूरत है। दरअसल, यह एक फर्जी संदेश है, कृपया ऐसे किसी भी संदेश का जवाब न दें। अपने सीए सलाहकार को इसकी जानकारी जरूर दें।
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