Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

बरा में कचरे के पहाड़ हटाकर बनाया पार्क, कालोनियों के पार्कों का कचरा

3

 ग्वालियर: नगर निगम के अधिकारियों की इच्छाशक्ति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्वच्छ सर्वेक्षण में रैंकिंग सुधारने के लिए एक तरफ तो बरा में कचरे के ढेरों को हटाकर वहां सुंदर पार्क तैयार कर दिया गया। इस पार्क में एक हजार से अधिक पेड़ नजर आते हैं। वहीं जिन पार्कों में लोग घूमने-फिरने के लिए पहुंचते हैं, वहां अब भी कचरे के ढेर मुंह चिढ़ाते नजर आते हैं। शहर के अधिकतर पार्कों में खरपतवार उगी हुई है। उन्हें संवारने की जिम्मेदारी संभालने वाले कर्मचारी नदारद नजर आते हैं। इसके चलते पार्कों में ना तो खाद बनती नजर आती है और हरियाली भी धीरे-धीरे गायब होती जा रही है।

नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण से पहले रोल माडल दर्शाते हुए बरा में पार्क तैयार किया था। जिस जगह पर पार्क है, वहां पहले कचरा डंप होता था। निगम ने कचरे को नष्ट करने के बाद वहां हरियाली के लिए पार्क विकसित किया और अब इसकी गिनती शहर के शानदार पार्कों में होती है।

स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान आने वाली टीमों का ध्यान पार्कों पर विशेष तौर पर रहता है। टीम के सदस्य पार्कों में हरियाली के साथ ही नाडेप टांका में खाद बनाने की स्थिति का भी जायजा लेते हैं। जिस समय टीमें आती हैं, सिर्फ उसी समय पार्कों में रखरखाव और सुंदरीकरण कार्य होते दिखते हैं, लेकिन टीमों के जाने के बाद फिर रखरखाव बंद हो जाता है।

हाल ही में पार्कों की खराब स्थिति को लेकर निगमायुक्त अमन वैष्णव ने भी सहायक आयुक्त पार्क मुकेश बंसल के वेतन पर रोक लगा दी। इससे साफ पता चलता है कि शहर के पार्कों की स्थिति फिलहाल ठीक नहीं है।

नाडेप टांका में खाद के बजाय गंदगी

स्वच्छ सर्वेक्षण के मानकों में शामिल है कि शहर के पार्कों में नाडेप टांका बनाए जाएं और पेड़ से गिरने वाली सूखी पत्तियों सहित अन्य गीले कचरे से खाद तैयार की जाए। उस खाद का इस्तेमाल पार्कों में ही पौधारोपण के लिए किया जाए, लेकिन वर्तमान में अधिकतर नाडेप टांका में खाद बनने के बजाय गंदगी नजर आती है।

इसके अलावा पार्कों में नियमित रूप से सफाई भी नहीं होती है। शहर के कुछ मुख्य पार्कों को यदि छोड़ दिया जाए, तो अधिकतर पार्कों में कचरा और गंदगी पसरी हुई है। सिटी सेंटर में साइट नंबर एक से लेकर पाश कालोनी माधव नगर के पार्कों में भी यही हालात बने हुए हैं।

पार्कों का रखरखाव सुधारेंगे पार्कों के रखरखाव के लिए अलग से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके अलावा रखरखाव के टेंडर भी किए जा रहे हैं, जिससे जल्द ही स्थिति में सुधार दिखेगा।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.