ग्वालियर। सिटी सेंटर के होटल सिल्वर ओक के पास छह हजार वर्गफीट से ज्यादा की रजिस्ट्री व्यवसायिक की जगह रिहायशी में कर दी गई। इससे पंजीयन विभाग को 18 लाख की स्टांप डयूटी की चपत लगी। इस मामले में उप पंजीयक से लेकर सर्विस प्रोवाइडर और पक्षकारों को पंजीयन विभाग ने नोटिस जारी कर दिए।
इसी नोटिस के जवाब में सोमवार को उप पंजीयक केएन वर्मा ने जवाब दिया कि उनके सामने तथ्यों को छिपाया गया है, सर्विस प्राेवाइडर सहित संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाना चाहिए। वहीं जिला पंजीयक अब इस मामले में सर्विस प्रोवाइडर का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई करेंगे क्योंकि सेवा प्रदाता का भी जवाब आ गया जिसमें कोई संतोषजनक कारण नहीं बताया गया है। वहीं पक्षकार सुनीता शर्मा पत्नी हरीश शर्मा ने कोई जवाब नहीं दिया है।
बता दें कि सुभाष चतुर्वेदी निवासी सिटी सेंटर ने फरवरी 2024 में 6331 वर्ग फीट प्लाट की रजिस्ट्री सुनीता पत्नी हरीश शर्मा निवासी नेहरू कालोनी के नाम पर की। हरीश शर्मा का डेढ़ करोड़ का लेनदेन का मामला जय व अजय यादव के साथ था। इसी प्लाट की पावर आफ अटार्नी मार्च 2021 को सुभाष चतुर्वेदी के नाम की गई। यह अटार्नी सुभाष चतुर्वेदी ने निरस्त करा ली और फिर कुछ दिन बाद ही सुनीता के नाम रजिस्ट्री कर दी।
अटार्नी उप पंजीयक मानवेंद्र सिंह भदौरिया के यहां निरस्त कराई गई थी। अब इसके बाद उप पंजीयक केएन वर्मा ने बिना कोई जांच करे ही रजिस्ट्री कर दी और नियमों के अनुसार अटार्नी की वैधता की जांच नहीं की गई। यह रजिस्ट्री व्यवसायिक जमीन होने के बाद भी रिहायशी में कराई गई। सर्विस प्रोवाइडर प्रीति शाक्य ने यह दस्तावेज रजिस्ट्री के लिए तैयार किए थे जिसमें पावर आफ अटार्नी का मामला छिपा लिया गया।
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