गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए अभी 3 साल से भी ज्यादा का वक्त बचा है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के इस मजबूत किले को ध्वस्त करने के लिए कांग्रेस ने मिशन-गुजरात पर काम करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस सबसे पहले उन जिलों को फोकस कर रही है, जहां पर सीटों के मामले में उसकी स्थिति शून्य है. इसी रणनीति के तहत पार्टी ने गुजरात के 6 जिलों से न्याय यात्रा निकालने का फैसला किया है.
यह यात्रा उन जिलों से निकाली जाएगी, जहां हाल के दिनों में प्रशासनिक विफलता की वजह से हादसे हुए और सैकड़ों लोग मारे गए. कांग्रेस की इस न्याय यात्रा में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी भी शामिल करने का प्लान है.
कांग्रेस की न्याय यात्रा का रूटमैप
भारत छोड़ो की बरसी पर शुरू हो रही यह यात्रा करीब 300 किमी की होगी. यात्रा मोरबी से शुरू होकर गांधीनगर तक जाएगी. कांग्रेस के मुताबिक मोरबी के बाद यात्रा टंकारा, राजकोट, चोटीला, सुरेंद्रनगर, विरमगाम, साणंद और अहमदाबाद होते हुए गांधीनगर जाएगी.
कांग्रेस ने न्याय यात्रा के स्वागत से ढोल-नगारो को दूर रखने का फैसला किया है. पार्टी के मुताबिक जब भी यात्रा किसी दूसरे शहर में प्रवेश करेगी, तब कांग्रेस ढोल-नगारे बजाने की बजाय सूत बांटकर एक-दूसरे का स्वागत करेंगे.
पार्टी ने यात्रा का चेहरा पीड़ित परिवार को ही रखा है. सोशल मीडिया पर गुजरात कांग्रेस की तरफ से जारी पोस्टर में स्थानीय स्तर के किसी नेता को जगह नहीं दी गई है.
जिन जिलों से गुजरेगी यात्रा, वहां का समीकरण
कांग्रेस यह यात्रा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए निकाल रही है, लेकिन पार्टियों के हर एक्शन के सियासी मायने जरूर होते हैं. गुजरात में 2027 में विधानसभा के चुनाव होने हैं, जहां पिछले 30 साल से कांग्रेस सत्ता से बाहर है. राहुल गांधी ने हाल ही में संसद में गुजरात में बीजेपी को हराने की बात कही थी.
ऐसे में कांग्रेस की न्याय यात्रा जिन जिलों से निकल रही है, उसका राजनीतिक समीकरण जान लेते हैं.
1. 6 जिलों में विधानसभा की 52 सीट है
कांग्रेस की न्याय यात्रा जिन 6 जिलों से निकलेगी, वहां विधानसभा की 52 सीटें हैं. सबसे ज्यादा अहमदाबाद में विधानसभा की 21 सीटें हैं. इसके बाद वड़ोदरा में 10, राजकोट में 8, गांधीनगर में 5, सुरेंद्रनगर में 5 और मोरबी में 3 सीटें हैं. राज्य में विधानसभा की कुल 182 सीटें हैं. अगर प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो ये 52 सीटें कुल सीटों का करीब 30 प्रतिशत है.
गुजरात में सरकार बनाने के लिए कम से कम 92 सीटों की जरूरत होती है.
2. कांग्रेस को सिर्फ 2 पर जीत मिली थी
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इन 52 में से सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली थी. वो भी अहमदाबाद जिले की. सुरेंद्रनगर, मोरबी, राजकोट और गांधीनगर में कांग्रेस बुरी तरह हार गई. बीजेपी को इन 52 में से 49 सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि, 2017 में ऐसे परिणाम नहीं थे.
2017 में कांग्रेस को इन जिलों की 52 में से 18 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस को सुरेंद्रनगर, गांधीनगर और मोरबी में बढ़त मिली थी. पार्टी ने राजकोट में भी बढ़िया प्रदर्शन किया था.
गुजरात का राजनीतिक समीकरण
कभी कांग्रेस का गढ़ रहा गुजरात पिछले 30 साल से बीजेपी का किला बना हुआ है. पिछले एक दशक में तो कांग्रेस गुजरात में लगातार सिमट रही है. इस दौरान राज्य में शहरी के साथ-साथ कांग्रेस ग्रामीण इलाको में भी घट गए हैं.
सीएसडीएस के मुताबिक 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 30 प्रतिशत वोट मिले. 2017 में यह आंकड़ा 43 प्रतिशत और 2012 में 42 प्रतिशत था. कांग्रेस के शहरी इलाकों में भी वोट घटे हैं.
2022 में पार्टी को शहरी इलाकों में करीब 24 प्रतिशत वोट मिले, जो 2017 के 39 प्रतिशत और 2012 के 35 प्रतिशत से काफी कम था. सीटों की बात की जाए तो गुजरात में अभी कांग्रेस के पास 12 सीट है और पार्टी को नेता प्रतिपक्ष तक की कुर्सी नहीं मिली है.
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