भोपाल। संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) में स्थित सिविल अस्पताल में लंबे समय से रेडियोलाजिस्ट नहीं है। सोनोग्राफी के लिए महिलाओं को परेशान होना पड़ता है। फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने सप्ताह में दो दिन सेवानिवृत्त रेडियोलाजस्ट की सेवाएं लेना शुरू किया है, लेकिन इससे बाकी दिनों में अस्पताल आने वाले मरीजों को परेशान होना पड़ता है। इमरजेंसी कक्ष भी कई बार डाॅक्टर नहीं होते।
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ज्ञातव्य है कि सिविल अस्पताल पर बैरागढ़ के अलावा आसपास के दो दर्जन से अधिक गांवों के इलाज की जिम्मेदारी है। एक समय अस्पताल में दो दर्जन से अधिक चिकित्सक हुआ करते थे। वर्तमान में यह संख्या घटकर 15 रह गई है। कुछ संविदा चिकित्सकों को तैनात किया गया है, लेकिन यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिकित्सकों की कमी महसूस की जा रही है। पिछले दिनों शराब पीकर ड्यूटी करने के आरोप में एक मेडिकल आफिसर को संभागायुक्त ने निलंबित कर दिया। इस चिकित्सक पर पुलिसकर्मियों से अभद्र व्यवहार करने का आरोप था। निलंबन के बाद इमरजेंसी कक्ष में ड्यूटी के लिए चिकित्सक की कमी महसूस की जा रही है। निलंबन के बाद दूसरे किसी डाक्टर की पदस्थापन भी नहीं की गई है।
अस्पताल में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए पहुंचती हैं। हर माह 300 से अधिक महिलाओं की सोनोग्राफी होती है। यह स्थिति तब है, जब सप्ताह में केवल दो दिन ही जांच सुविधा है। यदि सभी सात दिन जांच सुविधा शुरू की जाए तो यह संख्या 500 से अधिक हो सकती है। अस्पताल में मंगलवार एवं शुक्रवार को ही सोनोग्राफी जांच होती है। बाकी दिनों में महिलाओं एवं अन्य मरीजों को सोनोग्राफी के लिए परेशान होना पड़ता है। अस्पताल के अधीक्षक डा. जेके जैन का कहना है कि चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने के लिए विभागीय पत्राचार किया जा रहा है।
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