जबलपुर। सड़क हादसे में घायल किशोर की मौत हो गई थी। अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया लेकिन अस्पताल की तरफ से पुलिस को कोई सूचना ही नहीं दी गई। उपचार के दौरान किशोर की मौत हुई तो स्वजन शव लेकर पन्ना रवाना हो गए। वहां पहुंचकर पता चला कि शव का पोस्टमार्टम जबलपुर में होगा, जिसके बाद वापस स्वजन शव लेकर जबलपुर आए। पहले पुलिस हीलाहवाली करती रही लेकिन पुलिस अधीक्षक तक मामला पहुंचने पर विजय नगर पुलिस ने पीएम की कार्रवाई की।
एंंबुलेंस चालक कमीशन के चक्कर में उन्हें मेडिजोन अस्पताल उपचार के लिए लेकर पहुंचा
बता दे कि पन्ना के पवई में रहने वाले निर्पत चौधरी ने बताया कि उनके बेटे करण अहिरवार (16) सड़क हादसे में घायल हो गया था। वे उसे लेकर शनिवार रात मेडिकल अस्पताल जा रहे थे, लेकिन एम्बुलेंस चालक कमीशन के चक्कर में उन्हें मेडिजोन अस्पताल उपचार के लिए लेकर पहुंच गया। जहां अस्पताल ने 60 हजार रुपये उपचार के वसूले। इसके बाद करण की मौत की बात कहकर शव उन्हें सौंप दिया।
मौत जबलपुर में अस्पताल में हुई है, इसलिए शव का पीएम वहीं होगा
स्वजन ने पीएम की बात कही, तो अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि पीएम पन्ना के पवई थाने की पुलिस कराएगी। शव लेकर पन्ना के पवई थाने पहुंचे। जहां करण का पोस्टमार्टम कराने की बात कही। तो पुलिस ने कहा कि चूंकि मौत जबलपुर में अस्पताल में हुई है, इसलिए शव का पीएम वहीं होगा। जिसके बाद स्वजन करण के शव को लेकर दोबारा जबलपुर आए और विजय नगर थाने पहुंचकर इसकी जानकारी दी।
न एमएलसी भेजी, न मर्ग इंटीमेशन
नियमानुसार जैसे ही करण को अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो मेडिजोन अस्पताल द्वारा विजय नगर थाने को एमएलसी (मेडिको लीगल रिपोर्ट) के लिए पत्र भेजना था, वहीं जब उसकी मौत हो गई, तो मर्ग इंटीमेशन भेजी जानी थी, जिसके आधार पर विजय नगर पुलिस द्वारा पीएम कराया जाता, लेकिन अस्पताल ने यह दोनों जानकारी पुलिस को नहीं दी। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़ा हो रहा है।
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