Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

हाई कोर्ट ने उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती में अनियमितता पर मांगा जवाब

7

जबलपुर। हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में अनियमितता के आरोप पर जवाब-तलब कर लिया है। इस सिलसिले में राज्य शासन व लोक शिक्षण संचालनालय सहित अन्य को नोटिस जारी किए गए हैं। चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने निर्देश दिए गए हैं। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

बारम्बार काउंसिलिंग के कारण विवादास्पद हो गई है

 

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मंदसौर, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, पन्ना, सिवनी, रीवा, राजगढ़, शिवपुरी, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, विदिशा, शाजापुर, देवास, टीकमगढ़, रतलाम बड़वानी, छतरपुर, खंडवा, खरगौन, बुरहानपुर, मंडला, डिंडोरी, बैतूल, धार, भोपाल, दतिया, नीमच, रायसेन जिलों के निवासी अभ्यार्थियों की ओर से अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह, पुष्पेंद्र कुमार शाह, रूप सिंह मरावी व डा.प्रतीक्षा सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा-2018 की प्रक्रिया बारम्बार काउंसिलिंग के कारण विवादास्पद हो गई है।

 

अभ्यर्थियों को अनारक्षित में चयन करने जैसी अनियमितता

आरक्षण अधिनियम के उल्लंघन का आरोप भी विचारणीय है। अंतिम चयनित अनारक्षित से अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को अनारक्षित में चयन करने जैसी अनियमितता की गई। दरअसल, सभी अनारक्षित पदों पर नियुक्ति से पूर्व आरक्षित पदों पर नियुक्ति का मनमाना रवैया सीधे तौर पर आरक्षण के उल्लंघन की परिधि में आता है।

 

आरक्षित वर्ग में चयन करना आरक्षण कानून का सरासर उल्लंघन

 

नियमानुसार मेरिट के आधार पर अनारक्षित में नियुक्ति के बाद आरक्षित वर्ग में चयन करना आरक्षण कानून का सरासर उल्लंघन है। मेरिटोरियस अभ्यार्थियों की अारक्षित वर्ग में नियुक्ति न किए जाने पर जवाब मांगा जाना चाहिए। कुल मिलाकर विभिन्न विषयों के शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण अधिनियम व प्रक्रियात्मक कानून का खुला उल्लंघन किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने हिंदी, राजनीति विज्ञान, संस्कृति और भूगोल विषयों के चयन से वंचित होने पर हाई कोर्ट की शरण ली है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.