उत्तराखंड के लोगों की जेब ढीली होने वाली है. प्रदेश में बिजली की दामों में 8-10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो सकती है. उत्तराखंड विद्यत नियामक बोर्ड जल्द ही बिजली के रेट में बढ़त को लागू कर सकता है. यूपीपीसीएल की ओर से बिजली की दामों को 23 से 27 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की थी, जिसे लगभग 10-11 प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है.
गर्मी बढ़ गई है. लोगों के घरों में कूलर, एसी, फ्रीज जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के इस्तेमाल से बिजली की डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे में बिजली विभाग की दोहरी मार लोगों पर पड़ने वाली है. यूपीपीसीएल ने इस मांग को बढ़ाने के लिए कुल बिजली खरीदने पर खर्च होने वाले पैसे का हवाला दिया था. यूपीपीसीएल के मुताबिक, हर साल 1281 करोड़ रुपए बिजली को खरीदने में खर्च होते हैं.
उत्तराखंड विद्युत नियामक बोर्ड ने इस याचिका पर सुनवाई की और सभी हितधारकों से बातचीत के आधार पर इसका बिजली की नई दरें लागू करने का फैसला लिया है. आने वाले सोमवार तक राज्य में बिजली की नई दरें घोषित कर दी जाएंगी. बिजली विभाग नई दरें लागू करने के बाद इसके फिक्स चार्ज के बारे में भी जानकारी दे सकता है.
27 लाख से ज्यादा उपभओक्ताओं पर पड़ेगा असर
बिजली विभाग के इस फैसले से राज्य के 27 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को झटका लग सकता है. 19 अप्रैल को राज्य में लोकसभा आयोग ने चुनाव पूरा होने के बाद नई विद्युत दरें लागू करने की बाद कही थी. अप्रैल के आखिरी सप्ताह तक यह नई दरें लागू होने से राज्य के लोगों की जेबों पर असर देखने पड़ेगा.
बिजली विभाग हर साल उन उपभोक्ताओें के लिए छूट लेकर आता है, जिनके बिजली के बिल की राशि काफी ज्यादा होती है.
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