मिर्जापुर: अमृत एवं घर घर नल जल योजना के बावजूद उत्तर प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में पेयजल संकट जस का तस बना हुआ है।पेयजल संकट एवं सूखा के मद्देनजर विंध्याचल मंडल के कमिश्नर मुथुकुमार स्वामी ने जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की है । उन्होंने समीक्षा करके जिले स्तर पर पेय जल संकट से निपटने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने साथ ही साथ सिंचाई,नहर ,जल निगम एवं नमामि गंगे सहित अन्य संबंधित विभागो को अलर्ट मोड में रहने के आदेश दिए हैं।
असल में गर्मी के साथ विंध्याचल के पहाड़ी एवं जंगली इलाकों में पेयजल संकट हर साल की बात है। विशेष कर हलिया लालगंज एवं मड़हिान में संकट कुछ ज्यादा ही रहता है। यहां आदमी के साथ पशु और पक्षी भी पानी के लिए बेहाल हो जाते हैं। इन क्षेत्रों में टैंकर एवं अन्य तरीके से गांवों में पानी पहुंचाया जाता है। भले ही यह बात आश्चर्य जनक लगे ,परंतु कुछ गांवों में पानी के लिए बाकायदा काडर् वितरित किए जाते हैं। जिसमें यूनिट के अनुसार पानी का तेल के जैसे वितरण किया जाता है। इस साल मार्च-अप्रैल में ही भीषण गर्मी से जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। चुनाव को देखते हुए सक्रियता कुछ और तेज हो गई है।
विंध्याचल मंडल के कमिश्नर मुथुकुमार स्वामी ने बड़ी बैठक की जिसमें मिर्जापुर एवं सोनभद्र के जिलाधिकारी सहित जिले के सभी आला अफसर शामिल रहे। बैठक में सिंचाई,नहर,जल निगम, नमामि गंगे एमसीडी सहित सभी विभागों के बड़े अधिकारी मौजूद थे। कमिश्नर ने बताया कि संबंधित विभागों के अधिकारियों को पेयजल संकट एवं सूखे से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर कारर्वाई करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि बंधों से रिजर्व पानी को नहर द्वारा छोड़े जाने के भी आदेश दिए गए हैं। खराब नलकूपों की मरम्मत कार्य शुरू किया गया है। हैंडपंपों के रीबोर और नये हैंडपंपों का अधिष्ठापन किया जाएगा। टैंकरों द्वारा अतिसंवेदनशील गांवों में पानी पहुंचाया जाएगा। मिर्जापुर जिले के अतिसंवेदनशील 80 गांव चिन्हित किए गए हैं। कमिश्नर द्वारा खुद अधिकारियों के साथ बंधों एवं नलकूपों आदि का स्थलीय निरीक्षण गंभीरता को बयां कर रहा है। अभी अगर स्थिति यह है तो मई जून में क्या होगा? लोगों में चिंता का भाव है।
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