इंदौर। शहर की सिटी बसें अव्यवस्था का शिकार हो चुकी हैं। करीब 45 रूटों पर इनका संचालन होता है। इनमें किराये का भुगतान केवल नकद होता है, जबकि कई रूट पर कंडक्टर आनलाइन भुगतान करा रहे हैं।
हकीकत यह है कि सिटी बस कंपनी ने आनलाइन भुगतान के लिए कोई क्यूआर कोड जारी ही नहीं किया है। ऐसे में कंडक्टर निजी नंबरों पर आनलाइन भुगतान करा रहे हैं। इससे सिटी बस कंपनी को राजस्व का नुकसान हो रहा है। नईदुनिया ने रेलवे स्टेशन से विजय नगर जाने वाली सिटी बस की पड़ताल की। कंडक्टर से आनलाइन भुगतान के बारे में पूछा तो उसने हां कर दिया। पढ़िए रिपोर्टर और कंडक्टर के बीच की बातचीत- ।
कंडक्टर – बताओ कहां जाना है?
रिपोर्टर – बापट चौराहा।
कंडक्टर – 15 रुपये निकालो।
रिपोर्टर – आनलाइन करूं।
कंडक्टर – अच्छा ठीक है। नंबर लिखो।
रिपोर्टर – क्यूआर कोड नहीं है?
कंडक्टर – नहीं, नंबर लिखो। (रिपोर्टर ने फोन पे खोला लेकिन परिचालक ने फोन ले लिया और मोबाइल नंबर टाइप करके वापस कर दिया।)
रिपोर्टर – ये सरकारी नंबर है?
कंडक्टर – नहीं, लेकिन हिसाब देना होता है।
रिपोर्टर – अच्छा, ठीक है।
कंडक्टर – जल्दी करो। एक तो आनलाइन भुगतान की सुविधा दे रहे हैं, ऊपर से आप इतने सवाल कर रहे हो।
रिपोर्टर – ये देखो कोमल सिंह के नाम पर हो गए ट्रांसफर।
कंडक्टर – दिखाओ, हां ठीक है।
रिपोर्टर- टिकट तो देते जाओ भाई।
कंडक्टर – देता हूं थोड़ी देर में। (इसके बाद रिपोर्टर ने कई बार टिकट मांगा, लेकिन परिचालक हर बार बहाना बनाकर आगे पीछे जाता रहा।
जांच कर सख्त कार्रवाई करेंगे
सिटी बस में पास, चलो कंपनी का कार्ड या मोबाइल पास और नकद द्वारा ही यात्रा मान्य है। निजी नंबरों पर किराया वसूलने की सूचना मिली है। जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। – माला ठाकुर, पीआरओ एआइसीटीएसएल
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