इंदौर। जिस एनजीओ पर इंदौर को भिक्षुक मुक्त कराने के नाम पर आर्थिक अनियमितता का आरोप लगा था, केंद्र सरकार ने उसी को इंदौर में स्माइल योजना का काम सौंप दिया। योजना के तहत संस्था को 17 लाख 60 हजार रुपये का भुगतान करने की तैयारी भी कर ली गई है।
नगर निगम सीमा में भिक्षुकों को संस्था तक ले जाने, काउंसलिंग करने, भिक्षुकों की देखरेख इत्यादि की जिम्मेदारी संस्था परम पूज्य रक्षक आदिनाथ वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसायटी को सौंपी गई थी। संस्था के कामकाज में अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद नगर निगम ने संस्था के भुगतान पर रोक लगा दी थी। कुछ दिन पहले ही संस्था के लोगों ने कलेक्टर कार्यालय में होने वाली जनसुनवाई में पहुंचकर भुगतान दिलाने की अपील की थी।
कलेक्टर से भी नहीं मिली राहत
संस्था केलोगों ने बताया था कि संस्था में 70 कर्मचारी हैं, जबकि वहां वर्तमान में 80 भिक्षुक रहते हैं। हालांकि कलेक्टर से उन्हें किसी भी तरह की कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद महापौर परिषद के सदस्य मनीष शर्मा मामा ने भी शासन को पत्र लिखकर उक्त संस्था को भविष्य में किसी भी तरह का काम नहीं देने की अपील की थी। पत्र में उन्होंने संस्था द्वारा आर्थिक अनियमितता का हवाला भी दिया था। बावजूद संस्था को स्माइल योजना के तहत इंदौर में काम करने के लिए अधिकृत कर दिया गया।
योजना से हमारा लेना-देना नहीं
स्माइल योजना केंद्र की है। संस्था को वहीं से कार्य आवंटित हुआ है। हमारा इसमें कुछ लेना-देना नहीं है। यह योजना सिर्फ 50 लोगों के लिए है। इसके लिए 30 लाख रुपये का भुगतान होना है। काम एक वर्ष में पूरा करना है। -दिव्यांक सिंह, सीईओ स्मार्ट सिटी
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