सिरोंज। सर्व शिक्षा अभियान एवं रमशा के अंतर्गत आने वाले कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय छात्रावास आरएमएसए और नेता जी सुभाष चन्द्र बोस बालिका छात्रावास के दोनो छात्रावास की वार्डन रीना मालवीय पर छात्राओं ने भोजन, नाश्ता, ड्रेस और अभद्र व्यवहार को लेकर एसडीएम हर्षल चौधरी से विगत दिनों पूर्व शिकायत की थी। शिकायत के बाद उन्होंने तत्काल राजस्व विभाग और महिला बाल विकास विभाग की एक टीम को उक्त दोनों छात्रावासो का निरीक्षण के लिए भेजा।
टीम ने जब आकस्मिक रूप से दोनों छात्रावासों का निरीक्षण किया तो अधिकारियों के होश उड़ गए। क्योंकि छात्रावास में मौजूद छात्राओं को मिलने वाले भोजन की स्थिति खराब थी। अधिकारियों के सामने ही बच्चे भोजन कर रहे थे भोजन में मिलने वाली रोटियां जली हुई, सब्जी ऐसी जिसमें आलू के छिलके के अलावा आलू तो नजर ही नही आए।
जब अधिकारियों के सामने इस तरह का भोजन बच्चों को मिल रहा है तो इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाकी समय में छात्राओं को किस तरह का भोजन छात्रावास में मिलता होगा और शासन द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाली अन्य सुविधाएं किस स्तर से उन्हें उपलब्ध हो रही होगी। इसी को लेकर छात्राओं ने शिकायत की थी जो जांच के दौरान सही पाई गई। वहीं टीम ने दस्तावेजो की जांच की तो दोनो ही छात्रावास में कई प्रकार के दस्तावेज गायब मिले।
भोजन में निकल जाती है इल्लियां
निरीक्षण के दौरान छात्रावास वार्डन रीना मालवीय को पद से पृथक करने की रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को भी सौंप दी गई थी। लेकिन डीईओ ने अभी तक उक्त वार्डन को पद से पृथक करने की कोई कार्रवाई नही की। जबकि छात्रावास के निरीक्षण के दौरान जब टीम ने छात्राओं को मिलने वाले भोजन की जांच की थी तो भोजन की गुणवत्ता ठीक नहीं मिली थी, साथ ही छात्राओं के लिए भोजन बनाने के लिए रखा सामान भी एक्सपायरी डेट का पाया गया।
छात्राओं ने छात्रावास अधीक्षिका पर आरोप लगाते हुए कहा था कि हमें भोजन अच्छा नही मिलता मजबूरी में हम सभी छात्राओं को यह खाना खाना पड़ता है। कभी कभी तो खाने में इल्लिया भी निकल जाती है। यदि हम जब भी इस बात की शिकायत अधीक्षिका मैडम से करते है तो वह हमे कहती है कि यहा पर तो ऐसा ही खाना मिलता है तुम्हे खाना है तो खाओ। यदि तुम्हे अच्छा भोजन करना है तो अपने गांव से मंगा लो।
प्रतिवेदन के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
एसडीएम हर्षल चौधरी द्वारा छात्रावासों के निरीक्षण के बाद कलेक्टर को एक प्रतिवेदन भेजा। लेकिन कई दिनों बाद भी जिला स्तर से अधीक्षिका पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके चलते उक्त छात्रावासों में अध्ययन कर रही छात्राओं के पालकों में भारी आक्रोश है। वही पालकों का कहना रहा कि यदि एसडीएम उक्त दोनो छात्रावासों का निरीक्षण नही कराते तो छात्राओं के स्वास्थ्य के साथ किए जा रहें खिलवाड़ की किसी को जानकारी नही लगती।
दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों से अध्ययन करने के लिए आने वाली छात्राओं के लिए शासन द्वारा छात्रावासों की सुविधाएं दी गई है। लेकिन इन छात्रावासो में शासन के नियमों पर पलीता लगाया जा रहा है।
एक ही वार्डन के पास दो छात्रावासों के प्रभार
शासकीय बालिका छात्रावास रमंशा और राज्य शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाले छात्रावास का प्रभार दो वर्षो से रीना मालवीय के पास है। जबकि शासन का नियम यह है एक वार्डन एक छात्रावास का प्रभार संभाल सकती है। लेकिन सिरोंज के दोनो ही बालिका छात्रावासों में नियमों को ताक पर रखकर एक ही अधीक्षिका के हाथ में दोनो छात्रावासों की कमान दे दी गई। जबकि राज्य शिक्षा केन्द्र के अंतर्गत आने वाले नेता जी सुभाष बोस बालिका छात्रावास व सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत छात्रावास में नई वार्डन कृपा तिर्की की नियुक्ति की गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कृपा तिर्की के पास छात्रावास का नियुक्ति पत्र होने के बावजूद कई दिनों से चार्ज लेने के लिए छात्रावास के चक्कर लगा रहीं हैं। लेकिन उन्हें उक्त छात्रावास का चार्ज नहीं मिल पा रहा है।
मेरे पास छात्राएं वार्डन की शिकायत लेकर आई थी। जिसको लेकर मैने तत्काल छात्रावासों की जांच के लिए टीम भेजी तो पता चला कि सच में छात्राओं के साथ गलत हो रहा है। जिसका प्रतिवेदन मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा है। उसी के आधार पर राज्य शिक्षा केन्द्र की अधिकारी विनीता वर्मा ने भी उक्त दोनो छात्रावासों का आकस्मिक निरीक्षण किया था जिसमें कई प्रकार की अनियमितता उन्हें भी मिली हैं। -हर्षल चौधरी, एसडीएम, सिरोंज
मेरे द्वारा दोनों छात्रावासों में बालिकाओं का अच्छा ख्याल रखा जाता है और खाना भी अच्छा दिया जाता है। इस प्रकरण में मेरी कोई गलती नही है। -रीना मालवीय, वार्डन, बालिका छात्रावास, सिरोंज
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.