मंदसौर। नगर पालिका के अधिकारी शहर में सिर्फ गरीब और ऐसे लोगों को ही अपनी ताकत और नियम बताते हैं जिनकी ऊपर तक पहुंच नहीं होती है, जबकि रसूखदार लोगों के आगे मानो नगर पालिका की एक भी नहीं चलती है। यह एक बार फिर साबित हो गया है।
नगरीय प्रशासन विभाग ने द्वारा मैरिज गार्डनों के लिए गाइड लाइन बनाई थी। इसके पालन के लिए डेढ़ साल पहले तत्कालीन कलेक्टर द्वारा नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देश दिए थे। इसमें नपा को शहर में संचालित हो रही मैरिज गार्डनों को सत्यापन करना था और इसमें खामियां मिलने पर नियम अनुसार कार्रवाई की जाना थी। लेकिन डेढ़ साल में नगर पालिका के अफसर शहर के मैरिज गार्डनों का सत्यापन का काम भी नहीं कर सके है। अब याद दिलाने पर सीएमओ कह रहे है की मैरिज गार्डनों के सत्यापन का कार्य चल रहा है, बीच-बीच में दूसरे कार्य होने के कारण देरी हो रही है।
नगर पालिका के अनुसार 16 रिसोर्ट शहर में है, लेकिन इससे कई अधिक रिसोर्ट चल रहे है। मैरिज गार्डन के लिए जो तय मापदंड है उनका एक में भी पालन नहीं हो रहा है। फिर भी नपा की मेहरबानी जारी है। शहर में मैरिज गार्डन रजिस्टर्ड नहीं है और ना ही किसी ने पार्किंग के लिए बेहतर इंतजाम कर रखा है।
अब कार्रवाई और जुर्माना तो दूर डेढ़ साल में कलेक्टर के निर्देश के बाद नपा का तकनीकी अमला यह भी देख पाया कि शहर में संचालित रिसोर्ट नियमों के दायरें में है या नहीं। जुर्माने व नियमों के नाम पर नपा व रिसोर्ट संचालकों में ऐसा गठबंधन है नियमों के पालन की संचालक भी परवा नहीं कर रहे हैं।
मैरिज गार्डनों के लिए बनी गाइड लाइन का नहीं हो रहा पालन
नगरीय प्रशासन विभाग ने मैरिज गार्डनों के लिए गाइड लाइन बनाई थी। गाइड लाइन मार्च 2021 में लागू हो गई थी। अब 2023 के भी 9 माह बीतने को है, लेकिन गाइड लाइन पर पर अमल अब तक नहीं हुआ है।
मैरिज गार्डन संचालक नई गाइड लाइन की रजिस्ट्रेशन की परवाह किए बिना समारोह की बुकिंग कर रहे और धड़ल्ले से मोटी कमाई में लगे हैं। नपा व पूरा प्रशासन इसमें मददगार बना हुआ है। सड़क पर वाहन खड़े होने से आमजन को आवाजाही में परेशानी हो रही है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर नगर पालिका राजस्व विभाग से संचालकों सिर्फ पत्र जारी कर रही है।
15 ने दिए आवेदन सत्यापन नहीं हुआ
डेढ़ साल पहले कलेक्टर के निर्देश पर सत्यापन के लिए बनी कमेटी ने एक भी रिसोर्ट का सत्यापन नहीं किया। कार्रवाई या जुर्माना की बजाए नगरपालिका नोटिस का खेल ही खेल रही है। बैठक में कलेक्टर ने नपा के अधिकारियों को मैरिज गार्डनों में पार्किंग सहित अन्य इंतजाम के लिए कहा था, लेकिन शहर में संचालित मैरिज गार्डन और नपा के गठबंधन के कारण कलेक्टर के निर्देश हवा हो रहे है।
मैरिज गार्डन के कारण शहर की यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। रिसोर्टों में पार्किंग नहीं होने के कारण सड़कों पर वाहन खड़े होते हैं। बावजूद नपा इस पर गंभीर नहीं है। पिछले सालों में नपा ने जिन मैरिज गार्डन संचालकों को नोटिस दिए उन पर भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि नपा में 15 रिसोर्ट संचालकों ने पंजीयन के लिए आवेदन दे रखा है, लेकिन नपा के पास यह देखने की फुर्सत नहीं कि नियमों का पालन इन्होंने कर रखा है या नहीं। या किस आधार पर पंजीयन शुल्क ले और नियमों की अवहेलना पर जुर्माना भी क्या लगाए जब किसी का पंजीयन भी नहीं है।
25 फीसदी स्थान पार्किंग के लिए छोड़ना है
मैरिज गार्डन की नई गाइडलाइन के नियमों में मैरिज गार्डन में 25 फीसदी स्थान पार्किंग के लिए होना चाहिए, लेकिन मैरिज गार्डन में शादी समारोह के लिए गेट ही सड़क पर बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही वाहनों को भी सड़कों पर खड़ा किया जा रहा है। इससे अन्य लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है।
रेवास-देवड़ा रोड, कलेक्ट्रेट रोड, संजीत रोड, अभिनंदन, मिड इंडिया फाटक, संजीत नाका क्षेत्र, धानमंडी क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में जहां भी मैरिज गार्डन और धर्मशालाएं हैं, वहां पर नियमों का उल्लघंन होता दिखता है।
गार्डन संचालन के लिए गाइडलाइन में यह है नए प्रावधान
- कुल क्षेत्रफल का 25 फीसदी क्षेत्र पार्किंग के लिए आरक्षित होगा।
- हर वह प्राइवेट प्रापर्टी जहां पर 50 से अधिक लोगों का कार्यक्रम आयोजित हो सकता है, मैरिज गार्डन माना जाएगा।
- यदि मैरिज गार्डन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराएगा तो उसे अवैध घोषित करके तोड़ दिया जाएगा।
- मैरिज गार्डन का रजिस्ट्रेशन शुल्क क्षेत्रफल के अनुसार निर्धारित किया जाएगा।
- मैरिज गार्डन में साफ-सफाई, वाहन एवं नागरिकों की सुरक्षा एवं अग्निशमन के उपकरण रखने होंगे।
- लगभग 12000 रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क के साथ साल 750 से 10 हजार रुपए उपभोक्ता शुल्क भी भरना पड़ेगा।
- हर तीन साल में रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराना होगा।
- नियमों का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपए तक जुर्माना लगेगा।
शहर में संचालित हो रहे मैरिज गार्डनों के सत्यापन का कार्य चल रहा है। अभी कुछ गार्डनों का सत्यापन बाकी है। नपा के पास कभी इलेक्शन कभी अन्य कार्य आते है इसके कारण सत्यापन के कार्य में देरी हो रही है। 15 ने पंजीयन के लिए आवेदन दे रखे है। -सुधीरसिंह, सीएमओ, नगर पालिका मंदसौर
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