इंदौर। जीवनशैली और खानपान में बदलाव के कारण कम उम्र में ही बच्चों और युवाओं को हड्डी रोग होने लगे हैं। इसका कारण है युवा घंटों तक एक जैसे बैठकर काम करते रहते हैं। इस कारण उन्हें कमर दर्द, गर्दन दर्द आदि होने लगता है।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. अजय सिंह ठाकुर का कहना है कि पहले यह बीमारी बुजुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन अब युवाओं को भी होने लगी है। इसका कारण यह भी है कि लोग अब व्यायाम करने पर ध्यान नहीं देते हैं। यदि नियमित रूप से व्यायाम किया जाए तो हड्डी रोग से बचा जा सकता है।
खान-पान का विशेष ध्यान रखें
बारिश के दौरान दिन में गर्मी और रात में हल्की ठंड होने के कारण हड्डी का पुराना दर्द परेशान करने लगता है। वहीं हड्डी रोगियों को खानपान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। खाने में सादा खाना, फल, हरी सब्जियां आदि का सेवन अधिक करना चाहिए। कई बार हाथ-पैर में दर्द होने पर लोग अपने मन से दवाई ले लेते हैं। इससे कुछ समय के लिए तो उन्हें आराम मिल जाता है, लेकिन बाद में परेशानियां बढ़ जाती है। इसलिए बिना डाक्टर की सलाह के कभी भी हड्डी दर्द होने पर कोई दवाइयां नहीं लेनी चाहिए।
आजकल बच्चे और युवा मैदान में खेलने नहीं जाते
पहले बच्चे और युवा बाहर मैदान में खेलने के लिए जाते थे, जिससे शारीरिक गतिविधियां होती थी, लेकिन अब लोग बाहर खेलने भी नहीं जाते हैं, जिससे भी हड्डी रोग बढ़ने लगा है। आजकल लोग धूप में जाने से भी बचते हैं, इससे भी हड्डी रोग बढ़ने लगा है। वहीं, धूप में थोड़ी देर बैठना चाहिए या धूप में बाहर जाना चाहिए ताकि हड्डियों को पोषण मिल सके। बच्चों को भी धूप में भेजना चाहिए।
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