दमोह: दमोह जिला पंचायत में भ्रष्टाचार का काकस टूटने का नाम नहीं ले रहा है। दमोह जिला पंचायत में भ्रष्टाचार की जड़ इतनी फैल चुकी है कि बिना रिश्वत दिए कोई भी फाइल या कार्य होना संभव नहीं हो पा रहा, जिसका प्रमाण दमोह जिला पंचायत कार्यालय में गुरुवार की दोपहर को देखने को मिला।
दरअसल दमोह जिला पंचायत कार्यालय में ही एक कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए सागर लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। जिला पंचायत दमोह में पदस्थ जिला कोऑर्डिनेटर हरचरण सेन उर्फ हरचरण वर्मा को सागर लोकायुक्त की टीम ने चार हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
कर्मचारी को ट्रैप कराने वाले ऑडिट ऑफीसर मनोज पटेल ने बताया कि उन्हें कलेक्टर के आदेश पर पंचायत की ऑडिट करनी पड़ती है। इसके एवज में संबंधित कर्मचारी के द्वारा उनसे प्रत्येक पंचायत से दो हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी, जो वह नहीं दे सकते थे। पहले उन्होंने काफी प्रयास किया कि कर्मचारी उनकी बात को समझ जाए लेकिन जब वह नहीं समझे तब सागर लोकायुक्त में इसकी शिकायत की और उसके बाद टीम ने उन्हें चार हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। वहीं आरोपी हर चरण वर्मा अब तरह तरह के बहाने बाज़ी करते हुए अपना बचाव करता नज़र आया।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.