इंदौर। सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा देने के लिए दो साल पहले राज्य सरकार ने इंदौर जिले में 11 सीएम राइज स्कूल शुरू किए थे। इन स्कूलों में चार हजार से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इनमें वे सारी सुविधाएं दी जा रही हैं, जो किसी महंगे निजी स्कूल में मिल रही है। इस शिक्षा सत्र से इन स्कूलों में बस सेवा भी शुरू होने जा रही है। इस सेवा के एवज में स्कूल मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग को बड़ी कीमत चुकानी होगी।
दरअसल टेंडर के अनुसार प्रति सीट के एवज 2040 रुपये प्रतिमाह यानी 10 महीने के 20400 रुपये चुकाने होंगे जबकि शहर के औसतन सीबीएसई स्कूलों में स्कूल बस फीस सालाना 12 से 15 हजार रुपये ही है। हालांकि यह फीस विद्यार्थियों से नहीं ली जानी है।
पिछले दो वर्षों से इन स्कूलों में बस संचालन के लिए बस ऑपरेटर तैयार नहीं हो रहे थे। कुछ माह पहले लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा टेंडर जारी किया था। फिर जिला शिक्षा अधिकारी और बस ऑपरेटर एजेंसी के बीच एग्रीमेंट हुआ है।
इसके अनुसार इंदौर जिले के सभी 11 स्कूलों में अलग-अलग रूट पर अलग-अलग श्रेणी की बसों का संचालन होगा। विभाग द्वारा प्रति सीट 2040 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। बस एजेंसी समाया द्वारा सभी 11 स्कूलों के लिए बसें उपलब्ध कराई जा रही है।
20 हजार रुपये चुकाने होंगे
इंदौर जिले में 11 सीएम राइज स्कूलों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें चार हजार से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। 10 माह के लिए विभाग को प्रति सीट के अनुसार 20 हजार 400 रुपये चुकाने होंगे।
यह रहेगा नियम अतिरिक्त परियोजना समन्वयक नरेंद्र जैन ने बताया कि केजी-1 से लेकर पांचवीं तक के उन विद्यार्थियों को बस सेवा मिलेगी, जो स्कूल से एक या एक किमी से अधिक दूरी से आएंगे। 6वीं से 12वीं तक स्कूल से दो किमी या इससे अधिक दूरी के विद्यार्थियों को बस सेवा मिलेगी।
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