प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध रेत खनन मामले में शनिवार को बिहार की राजधानी पटना में लालू यादव के करीबी सुभाष यादव के ठिकानों पर तलाशी की. पटना, दानापुर से लेकर बिहटा तक ईडी की ये छापेमारी चल रही है. सुभाष यादव राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. इससे पहले आयकर विभाग ने लालू यादव के करीबी पार्षद विनोद जयसवाल पर भी शिकंजा कसा था.
आरोप क्या है
राजद के नेता और लालू यादव के करीबी सुभाष यादव पर ईडी ने एक्शन लिया. आरोप है कि सुभाष यादव बिहार में अवैध बालू खनन का कारोबार चलाते हैं. सुभाष यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में, सुभाष यादव ने झारखंड के चतरा से राजद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, हालांकि, वो चुनाव हार गए थे. सुभाष यादव पटना के शाहपुर जिले के हेतनपुर गांव से है. वो ब्रॉडसन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के मालिक हैं. शुक्रवार को बालू को लेकर ईडी ने नेता के ठिकानों पर जांच की थी.साथ ही बिहार पुलिस के द्वारा पहले दर्ज की गई कुछ एफआईआर से मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी उपजा है. बता दें, इससे पहले भी आयकर विभाग ने सुभाष यादव के ठिकानों पर छापेमारी की थी. 2018 में पटना, दिल्ली और धनबाद में कार्रवाई हुई थी.
MLC पर कसा था शिकंजा
राजद पर आयकर और ईडी का खतरा मंडरा रहा है. सुभाष यादव से पहले आयकर विभाग ने लालु यादव के करीबी और सीवान के पार्षद विनोद जयसवाल पर भी शिकंजा कसा था. कोलकाता से आयकर विभाग की टीम जांच के लिए पार्षद के घर आई थी. बताया जा रहा है कि विनोद जयसवाल की कोलकाता में शराब फैक्ट्री है. उनकी शराब फैक्ट्री की जांच में आयकर की टीम को गड़बड़ी मिली थी, जिसके बाद जांच शुरू की गई और फिर टीम कोलकाता से पटना पहुंची.
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