भोपाल। कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किसान आंदोलन के मद्देनजर किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने की निंदा की है।
मीडिया से बातचीत में राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह किसानों के विरोध पर कहा कि हम शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने की सरकारी कार्रवाई की निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि हर दिन भाजपा, केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार विज्ञापन देती है । हम ‘मोदी की गारंटी’ देखते हैं। हां, मोदी की गारंटी थी, उन्होंने (केंद्र सरकार) किसानों के साथ बैठकें कीं, जिसमें निर्णय लिया गया कि एमएसपी पर कानून बनाया जाएगा, किसानों पर मुकदमे वापस लिए जाएंगे, और लखीमपुर खीरी घटना में मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि विडंबना यह है कि पीएम मोदी ने किसानों से संवाद करने के लिए कॉर्पोरेट मंत्री (पीयूष गोयल) को चुना है, वह कॉर्पोरेट जगत का प्रतिनिधित्व करते हैं और कॉर्पोरेट का हित इसी में निहित है किसानों का शोषण किया जाए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि किसानों की मप्र में गिरफ्तारियां हो रही हैं। यहां तक तो हद हो गई कि कर्नाटक के किसानों को रेल से किस कानून के तहत मप्र में जबर्दस्ती उतार लिया गया। आखिर कौन से कानून के तहत उतार लिया गया। कानून का राज है कि जंगल राज है। सरकार की क्या मजबूरी थी। कर्नाटक के किसान नेता शांताकुमारजी की पत्नी के सर में चोट आई। इनने मध्य प्रदेश में कोई कानून व्यवस्था तो बिगड़नी नहीं थी।
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