बालाघाट । शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, समनापुर के 12वीं कृषि संकाय के छात्र नील बछले का आत्महत्या का मामला शांत नहीं हुआ है। स्वजनों व ग्रामीण छात्र द्वारा आत्महत्या का कदम उठाने के पीछे प्राचार्य व शिक्षकों की प्रताड़ना का नतीजा बता रहे हैं। इस मामले में पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई न करने के विरोध तथा न्याय की मांग को लेकर ग्रामीणों ने बुधवार को समनापुर बंद रखा।
बंद जैसे बने हालात
सुबह सांकेतिक रूप से समनापुर में बंद जैसे हालत दिखाई दिए। हालांकि कुछ समय बाद ग्रामीण थाना प्रभारी कमल सिंह गेहलोत द्वारा मामले में निष्पक्ष जांच करने का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद ग्रामीणों ने बंद वापस ले लिया। गौरतलब है कि नौ सितंबर को परिजनों, ग्रामीणों और स्कूल छात्रों ने कथित प्रताड़ना से छात्र नील बछले के आत्महत्या मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर समनापुर में प्रदर्शन किया था। साथ ही चेतावनी दी थी कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो आगामी 13 सितंबर को चक्काजाम और बंद आंदोलन किया जाएगा।
प्राचार्य पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप
नील बछले ने 28 अगस्त को जहरीली दवा का सेवन कर लिया था। जिससे उसकी 30 अगस्त की सुबह अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। नील को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में स्कूल प्राचार्य सुजाता बांगरे और दो शिक्षकों पर कार्रवाई किये जाने की मांग कर रहे थे। वहीं, प्राचार्य व शिक्षकोंं ने अपने लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। ग्रामीण गणेश लिल्हारे ने बताया कि बुधवार को जांच की मांग को लेकर सभी ने मिलकर दुकानें बंद रखीं।
इस मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। पीड़ित पक्षों का बयान नहीं हो सका था। जिनके बयान दर्ज कर जो भी तथ्य आएंगे, उस आधार पर कार्यवाही की जाएगी। बंद, सांकेतिक रूप से था। जिसे जांच के आश्वासन के बाद परिजन और ग्रामीणों ने वापस ले लिया। मामले की पूरी जांच निष्पक्ष रूप से होगी।
कमल सिंह गेहलोत, प्रभारी, नवेगांव थाना
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