रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा के चढ़ाई मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों की उचित देखभाल नहीं करने के लिए लगभग 215 रखवालों पर जुर्माना लगाया गया है। ये लोग इन घोड़ों-खच्चरों का उपयोग तीर्थयात्रियों को हिमालयी मंदिर तक ले जाकर आजीविका कमाने के लिए करते हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
रुद्रप्रयाग के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि पशुओं की अच्छी देखभाल नहीं करने के लिए 215 रखवालों के चालान काटे गए हैं, जबकि 16 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि 15,651 घोड़ों और खच्चरों का निरीक्षण किया गया, जिनमें से 3,730 बीमार और घायल पशुओं का इलाज किया गया। कुमार ने कहा कि अधिकारियों ने अस्वस्थ पाए गए 469 खच्चरों और घोड़ों को भी मार्ग से हटा दिया।
हाल के एक आदेश में, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से चार धाम यात्रा मार्ग पर पशुओं पर क्रूरता करने वाले घोड़े के रखवालों और मालिकों को काली सूची में डालने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि केवल उन पर जुर्माना लगाना पर्याप्त नहीं है और इसने इन पशुओं के कल्याण के लिए कई निर्देश भी जारी किए थे। कुमार ने कहा कि सेक्टर अधिकारी, खच्चर कार्यबल और जिला आपदा मोचन बल की विभिन्न टीम यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर निगरानी रखती हैं कि जानवरों के प्रति कोई क्रूरता न हो। उन्होंने कहा कि मार्ग पर थकावट के लक्षण दिखाने वाले पशुओं का तुरंत इलाज किया जा रहा है।
वहीं सेक्टर अधिकारी (गौरीकुंड) अनिल कुमार ने कहा कि यात्रा मार्ग पर चलने वाले घोड़ों और खच्चरों की लगातार निगरानी की जा रही है और चोट लगने के बावजूद उनसे काम करवाने वाले रखवालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
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