Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

150 एकड़ की जरूरत अभी सिर्फ 20 एकड़ जमीन पर मिली एनओसी

15

जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय को नया परिसर बनाने के लिए जमीन की तलाश है। कृषि, इंजीनियरिंग समेत कई नए पाठ्यक्रमों को संचालित करने के लिए ये कैंपस बनाया जाना है। मानेगांव के पास बढ़ैयाखेड़ा में करीब 150 एकड़ जमीन चिन्हित हुई थी लेकिन कई विभागों की अनुमति नहीं मिलने से मामला अटका हुआ है। हाल ही में प्रशासन की तरफ से माइनिंग, वन विभाग की अनापत्ति के पश्चात सिर्फ 20 एकड़ जमीन ही उपलब्ध हो पाई है। प्रशासन ने विश्वविद्यालय से इसके लिए सहमति मांगी थी जो दे दी गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिला प्रशासन से और जमीन उपलब्ध करवाने के लिए आग्रह किया है ताकि उनका परिसर तैयार हो सके।

नए पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए विश्वविद्यालय को और अधिक जमीन की आवश्यकता

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय वर्तमान में पचपेढ़ी स्थित जमीन पर परिसर है। यहां करीब 100 एकड़ जमीन विश्वविद्यालय के पास है इसमें अधिकांश जमीन पर सरकारी विभाग बन चुके हैं। कई में आवास का निर्माण हो चुका है जिससे विश्वविद्यालय के 50 एकड़ के आसपास ही जमीन उपलब्ध है। ऐसे में नए पाठ्यक्रमों का संचालन करने के लिए विश्वविद्यायल को और अधिक जमीन की आवश्यकता है। मौजूदा जगह पर विस्तार संभव नहीं हो पा रहा है।

एक तरफ सेना और दूसरी तरफ साइंस कालेज की जमीन

एक तरफ सेना की जमीन और दूसरी तरफ साइंस कालेज की जमीन होने से जमीन ही नहीं बची है। इसलिए प्रशासन ने नया कैंपस बनाने के लिए जमीन खोजी है।जिला प्रशासन ने जमीन चिन्हित कर दी थी मानेगांव के बढ़ैयाखेड़ा में करीब 150 एकड़ जमीन मिली है। यहां वन भूमि भी थी जिसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र वन विभाग से मिल चुका है। अब माइनिंग और शासन से मंजूरी मिलने का इंतजार हो रहा है। यदि सबकुछ ठीक हुआ तो करीब 25 किलोमीटर दूर नया परिसर बनाने का रास्ता साफ होगा।

इस जमीन पर वन और माइनिंग विभाग की अनापत्ति की आवश्यक

कुलसचिव डा.दीपेश मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा विभाग से जमीन की जरूरत बताई थी जिसके बाद विभागीय स्तर पर जिला प्रशासन को उपयुक्त स्थल तलाशने के लिए कहा गया। वहां से जमीन चिन्हित की गईं। इस जमीन पर वन और माइनिंग विभाग की अनापत्ति की आवश्यक है जिसमें वन विभाग ने जरूरी मंजूरी दे दी है। अब माइनिंग विभाग की अनापत्ति मिलने के बाद जरूरी कागज के साथ प्रस्ताव को शासन के पास भेजा जाएगा। जहां से जमीन का आवंटन विश्वविद्यालय को किया जाएगा।

कृषि, डेयरी फार्म कोर्स होगा प्रारंभ

विश्वविद्यालय प्रशासन ने कृषि और डेयरी के पाठ्यक्रम को नए परिसर में प्रारंभ करना चाह रहा है। करीब कृषि विषय के लिए विभिन्न सुविधाएं जुटाने में ही प्रशासन को 40 एकड़ से ज्यादा जमीन की जरूरत होगी। इसके अलावा डेयरी और भविष्य में नए पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के लिए यहां अतिरिक्त जमीन की जरूरत होगी। अभी रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का परिसर करीब 100 एकड़ में है। इसमें 10 एकड़ जमीन के अवैध कब्जों में घिरी हुई है। विश्वविद्यालय का परिसर अब नए पाठ्यक्रम के लिहाज से छोटा पड़ने लगा है इसलिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यक्ता जाहिर की गई है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.