टीकमगढ़। शहर के विभिन्न मार्गाें पर कालोनियां बन गई हैं, जहां पर बिजली के कनेक्शन तो दिए हैं, लेकिन सुविधाएं कुछ नहीं हैं। ऐसे में बारिश के मौसम में बल्लियों के सहारे लटके हुए बिजली के तारों से करंट फैलने की आशंका बनी रहती है। शहर के नए बस स्टेंड पर स्थित देवकीनंदन कालोनी के हाल तो यह हैं कि 74 घरों के ऊपर से बिजली की लाइन निकली हुई है, जहां पर पहले कई बार घटनाएं हो चुकीं हैं। इस व्यवस्था को बहाल करने के लिए बिजली कंपनी के अधिकारियों का ध्यान नहीं है।
गौरतलब है कि शहर की कालोनियों में विद्युत मंडल ने उपभोक्ताओं को बिजली के कनेक्शन तो दे दिए, लेकिन सुविधाओं की ओर कंपनी ने ध्यान नहीं दिया। नगर में प्रतिदिन 10 से 20 कनेक्शन हो रहे हैं, लेकिन बिजली कंपनी उपभोक्ताओं को सुविधाएं नहीं दे रही है। बताया जाता है कि नगर की अनेक दूरस्थ कालोनियों में बिजली विभाग ने न तो बिजली के खंभे लगवाए हैं और न ही उसके लिए अभी तक कोई प्रयास किए हैं। जबकि उपभोक्ताओं से भारी भरकम बिजली के बिल प्रतिमाह वसूल किए जा रहे हैं।
आड़े-तिरछे झूल लगी बल्लियां और खंभे
शहर की अनेक पॉश कालोनियों में भी बिजली कंपनी का यही हाल बना हुआ है, जहां बिजली के तार एकदम से नीचे झूल रहे है, जिसके चलते सदैव ही दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। इन कालोनियों से होकर चार पहिया वाहनों का निकलना भी कठिन साबित होता है, ऐसा नहीं है कि कालोनी में निवासरत लोगों ने झूल रहे तारों को दुरूस्त करने की मांग न की हो, लेकिन इसके बाद भी कंपनी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कानों पर अब तक जू नहीं रेंग सकी। वहीं अनेक स्थानों पर तो बिजली के खंभे आड़े तिरछे लगे हुए है, जिसको देखकर लगता है कि यह खंभे अब गिरे और तब गिरे की स्थिति में बने हुए है। अब सवाल यह उठता है कि शिफ्टिंग के नाम पर लाखों रूपये खर्च हो रहा है, लेकिन खंभे जहां के तहां खड़े हुए हैं।
शिवशक्ति कालोनी में झूल रहे बिजली के तार
शहर के पास की ही अगर कालोनी को देखा जाए, तो चकरा तिगैला के समीप स्थिति शिवशक्ति कालोनी में बिजली के तार सड़कों पर झूल रहे हैं, जिससे न तो बच्चे सुख से खेल पा रहे हैं और न ही इस कालोनी से भारी वाहन निकल पा रहे हैं। इस कालोनी के निवासरत लोग कई बार कंपनी के अधिकारियों को बता चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
देवकीनंदन कालोनी के बुरे हाल
शहर के नए बस स्टेंड पर स्थित देवकीनंदन कालोनी के हाल तो बुरे हैं, जहां से मवई फीडर की लाइन गुजरती है। इस 11केवी की लाइन के तार कालोनी के घरों के ऊपर से निकले हैं। 74 घरों के ऊपर से बिजली की लाइन निकलने के चलते हादसे की आशंका बनी रहती है, जबकि बीते दिनों ही एक घटना हो गई थी। अब तक तीन से चार मौतें इस लापरवाही के चलते यहां पर हुईं हैं। इस कालोनी में लकड़ी की बल्लियों के सहारे ही लाइन खड़ी हुई है, जहां से नीचे ही तार झूलते रहते हैं। ट्रांसफार्मर के तार नीचे लटक रहे हैं।
शहर में जहां भी बल्लियों के सहारे बिजली के कनेक्शन है, वह अस्थाई कनेक्शन ही है। वहां पर किसी प्रकार से कोई स्थाई कनेक्शन नहीं दिया गया है। इसके साथ ही यहां पर दो प्रकार की कालोनी होती है। प्लाटिंग करने के दौरान कालोनाइजरों को इस प्रकार की व्यवस्था करनी थी। लेकिन बल्लियों के सहारे लाइन बनी है, जो दिखवाया जाएगा।
नवीन कुमार, डिविजनल इंजीनियर, टीकमगढ़
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