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तेंदुए सियार और नीलगाय को अभयारण्य से बाहर जाने से रोकेगा वन विभाग

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इंदौर। प्रदेश के सबसे छोटे अभयारण्य में शामिल रालामंडल में 30 साल बाद कायाकल्प होने वाला है। विकास कार्यों को लेकर वन विभाग ने इसकी रूपरेखा बनाई है। इसमें पर्यटकों के लिए कुछ सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया है। पहले चरण में अभयारण्य में नक्षत्र वाटिका, तितली पार्क से लेकर बच्चों के लिए मनोरंजन पार्क, कैफेटेरिया का काम किया जाएगा।

शुरुआत अभयारण्य की तारबंदी से होगी, क्योंकि 30 साल पुरानी तारबंदी खराब हो चुकी है। इस वजह से रालामंडल में मौजूद जंगली जानवर गांवों में घुसने लगे हैं। विभाग तारबंदी को 10 से 15 फीट ऊंचा बनाएगा, ताकि वन्य प्राणियों को अभयारण्य से बाहर निकलने से रोका जा सके। इसके लिए वन विभाग मुख्यालय से इंदौर वनमंडल को बजट मिल चुका है। अधिकारियों के अनुसार अक्टूबर से काम शुरू होगा, जो तीन से चार महीने में पूरा कर लिया जाएगा।

234 हेक्टेयर में फैले रालामंडल अभयारण्य की स्थापना 1989 में हुई। 30 साल पहले अभयारण्य और भिहाड़िया गांव की सीमा पर तारबंदी जगह-जगह से टूट गई है। इसकी वजह से रालामंडल में मौजूद नीलगाय, हिरण, सियार, लकड़बग्घा सहित कई जानवर बाहर निकलकर गांव में घुस जाते हैं, लेकिन इन दिनों अभयारण्य के एक हिस्से में दो से तीन तेंदुओं की मौजदूगी के प्रमाण मिले हैं।

इससे वन अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। उन्हें डर है कि तेंदुआ ग्रामीणों को नुकसान न पहुंचा दे। इसे लेकर विभाग ने अभयारण्य की तारबंदी पंद्रह फीट ऊंचा करने का प्रस्ताव बनाया है। करीब 7-8 किमी दायरे में तारों की जालियां लगाई जाएंगी। फिलहाल पहले चरण में तीन से चार किमी का हिस्से में काम किया जाएगा। वनकर्मियों के अनुसार बीते कुछ महीनों से तेंदुए का मूवमेंट एनिमल जोन में भी दिखा है।

फूलदार पौधे लगाए

अभयारण्य में आने वाले पर्यटकों को जल्द ही बटरफ्लाई पार्क में खूबसूरत तितलियां देखने को मिलेंगी। विभाग ने एक हेक्टेयर में पार्क का काम शुरू कर दिया है। वर्षाकाल में फूलदार पौधे भी लगा दिए हैं। पार्क में कुछ निर्माण होना बाकी है, जो सितंबर तक पूरा होगा। रेंजर योगेश यादव का कहना है। पार्क का काम अंतिम चरणों में पहुंच गया है। जल्द ही पर्यटकों के लिए खोला जाएगा।

बनेगा मनोरंजन पार्क

अभयारण्य में छोटे बच्चों के लिए मनोरंजन पार्क बनाया जाएगा, जहां वे फिसलपट्टी और झूलों का आनंद उठा सकेंगे। एसडीओ योहान कटारा का कहना है कि पुराने झूलों को बदला जाएगा, क्योंकि वे काफी जर्जर हो चुके हैं। वे बताते हैं कि अगले महीने जीवाश्म संग्रहालय का शुभारंभ होगा। इसकी टिकट दरें मुख्यालय से तय हो चुकी हैं। दस रुपये शुल्क रखा गया है।

अक्टूबर में शुरू होगा काम

रालामंडल में कायाकल्प को लेकर योजना बनाई है। बरसों बाद अभयारण्य की नए सिरे तारबंदी की जाएगी, ताकि वन्यप्राणियों को बाहर निकलने से रोका जा सके। वैसे नक्षत्र वाटिका, तितली पार्क का काम भी किया जाएगा। ये सारे पहले चरण में होने वाले कार्य हैं। इनके लिए विभाग से बजट मिल चुका है।

-नरेंद्र पंडवा, डीएफओ, इंदौर वनमंडल

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