जूडा की हड़ताल से हमीदिया में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था नए मरीजों को उपचार मिला नहीं पुराने की भी कर दी छुट्टी
भोपाल। हमीदिया अस्पताल में शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप रही। एक ओर जहां डाक्टरों ने नए मरीजों को उपचार नहीं किया, वहीं पहले से भर्ती कुछ पुराने मरीजों की भी छुट्टी कर दी। जूनियर डाक्टर बाला सरस्वती की आत्महत्या के बाद से हमीदिया के चिकित्सक अस्पताल प्रबंधन से नाराज हैं। इसको लेकर जूडा पहले से ही हड़ताल कर रहा है, अब इनके समर्थन में सीनियर डाक्टर भी उतर गए हैं। शुक्रवार को पूरे दिन इन्होंने भी जूडा की तरह मरीजों का उपचार नहीं किया। इससे यहां आने वाले मरीजों को बिना उपचार वापस लौटना पड़ा।
शनिवार को भी डाक्टर इलाज करेंगे या नहीं, यह तय नहीं हो पाया है। प्रबंधन हड़ताल के बाद चरमराई व्यवस्था को सुधारने के नाम पर ठोस इंतजाम नहीं कर पाया है।
बता दें कि छह दिन पहले गांधी मेडिकल कालेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में अध्ययनरत पीजी थर्ड ईयर की छात्रा डा. बाला सरस्वती ने आत्महत्या कर ली थी। इसके लिए जूनियर डाक्टरों ने विभागाध्यक्ष डा. अरुणा कुमार को जिम्मेदार बताया था। तब से ही इस मामले को लेकर जूडा हड़ताल पर है।
350 से अधिक डाक्टरों ने नहीं किया उपचार
हमीदिया में जूनियर डाक्टर की संख्या 250 से अधिक है। जबकि सीनियर रेसीडेंट की संख्या 130 के करीब है। जूडा पहले से हड़ताल पर थे। शुक्रवार को उनके समर्थन में 100 से अधिक सीनियर रेसीडेंट भी उतर आए। ऐसे में करीब 350 से अधिक डाक्टरों ने मरीजों का उपचार नहीं किया। जिसकी वजह से परेशानी बढ़ गई।
समय पर नहीं मिला उपचार, गर्भवती की मौत
हमीदिया अस्पताल परिसर में शिफ्ट हुए सुल्तानिया में भी मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां गुरुवार रात साढ़े आठ बजे समय पर उपचार नहीं मिलने की वजह से एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। हालांकि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि गर्भवती महिला को दूसरे अस्पताल से रेफर किया गया था। जब यह हमारे पास आई तो उसकी मौत हो चुकी थी।
जीएमसी पहुंचे कलेक्टर, जूडा से की चर्चा
इधर जूड़ा की हड़ताल से हमीदिया अस्पताल स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने पर शुक्रवार शाम को कलेक्टर आशीष सिंह गांधी मेडिकल कालेज पहुंचे और हड़ताल कर रहे जूडा के पदाधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने जूडा से कहा कि उनकी प्राथमिक मांग पर गायनिक डिपार्टमेंट की विभागाध्यक्ष डा. अरुणा कुमार को हटा दिया गया है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.