जबलपुर। करगिल विजय दिवस आज पूरा देश मना रहा है। आज ही के दिन 1999 में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के सैनिकों को धूल चटाकर कारगिल में विजय प्राप्त की थी। इसमें कई भारतीय सैनिकों ने बलिदान भी दिया था। इसे लेकर आज कारगिल विजय दिवस पर जबलपुर के जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर में बने युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर करगिल की लड़ाई में जैक के अमर बलिदानी विक्रम बत्रा को भी सैन्य अधिकारियों ने श्रृद्धांजलि दी।
दुनिया के दुर्गम क्षेत्र में हुआ था युद्ध
कारगिल विजय दिवस हर वर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है। इसी दिन लद्दाख के कारगिल-द्रास और बटालिक सेक्टर के क्षेत्र में दुनिया के सबसे दुर्गम इलाके में लड़ाई लड़ी गई। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों की वीरता और अदम्य साहस की शौर्य की गाथा के रूप में कारगिल दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारतीय सशस्त्र बलों ने न केवल साहसिक लड़ाई लड़ी बल्कि दुश्मन राष्ट्र के नापाक इरादों को कामयाब नहीं होने दिया। इस युद्ध में 1,042 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।
कैप्टन विक्रम बत्रा ने जबलपुर में लिया था प्रशिक्षण
जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट ने दुश्मन द्वारा घेरे हुए प्वाइंट 4590 और प्वांइट 5353 को अपने कब्जे में कर लिया था, जैक की यही कामयाबी युद्ध में निर्णायक मोड़ बनी। कारगिल युद्ध के सभी अमर बलिदानियों और जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट के परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा को श्रृद्धांजली देने के लिए जैक राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर स्थित युद्ध स्मारक में भाव-पूर्ण कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें लेफ्टिनेंट कर्नल चक्रवीर सिंह सहित अन्य जवानों ने पुष्पांजलि अर्पित की। ज्ञात को कारगिल युद्ध में बलिदान को प्राप्त हुए जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट के परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा ने जबलपुर के जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट में ही प्रशिक्षण प्राप्त किया था। आज भी उनके नाम पर यहां मार्ग भी है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.