भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सोयाबीन उपार्जन की नीति को मंजूरी दी गई। 25 सितंबर से उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन शुरू होगा। 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रुपये प्रति क्विंटल की दर से पंजीकृत किसानों से उपार्जन किया जाएगा। इसके लिए मार्कफेड को शासन की गारंटी पर लेने की अनुमति भी दी गई।
बैठक में नवीन विधायक विश्रामगृह बनाने का निर्णय भी दिया गया। 102 फ्लैट बनाए जाएंगे। ये पारिवारिक खंड एक और शापिंग कंपलेक्स को तोड़कर बताए जाएंगे। इससे हरियाली को भी कोई क्षति नहीं होगी।
प्रदेश में इस वर्ष 55 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन का उत्पादन संभावित है
प्राइस सपोर्ट स्कीम में 13.68 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके ऊपर जो भी खरीदी होगी, उसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। सेंट्रल पूल में सोयाबीन देने के बाद जो उपज बेचेगी, उसे खुले बाजार में नीलाम किया जाएगा। इससे जो राशि मिलेगी, वह मार्कफेड को दी जाएगी और अंतर की राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी।
भारत सरकार लगभग सात हजार करोड़ रुपये देगी। उपार्जन के लिए पंजीयन 27 सितंबर से प्रारंभ किया जा सकता है और खरीदी 25 अक्टूबर से प्रस्तावित है। यह 45 दिन तक चलेगी। उपार्जन की कार्ययोजना को मंजूरी के लिए मंगलवार को कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में कर्मचारियों की विभागीय जांच से जुड़े प्रकरण भी निर्णय के लिए रखे जाएंगे।
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