रीवा। जिले के तराई अंचल स्थित जनकहाई गांव में तीन से चार दिन पूर्व हुये हत्याकांड में एक नया मोड़ सामने आया है। बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति की गोली मारकर हत्या की गई थी उसके शरीर से पोस्टमार्टम के दौरान गोली नहीं निकाली जा सकी है। पुलिस को मृतक के शरीर में धंसी गोली को बतौर साक्ष्य जुटाना था, लेकिन पीएम के दौरान गोली नहीं मिलने के बाद अब पुलिस मृतक के परिजनों से अनुमति लेकर अस्थि कलश में गोली की तलाश करने का निर्णय लिया था। पुलिस ने अस्थि कलश एवं जिस स्थान पर जलाया गया तो उसे स्थान की बारीकी से छानबीन की है। दरअसल मामला जवा थाना क्षेत्र के जनकहाई गांव में तीन से चार दिन पूर्व हत्याकांड का है।
ट्रैक्टर ना चलाने की बात पर विवाद हुआ था
ट्रैक्टर मालिक अनिल पटेल का चालक रामलाल केवट से ट्रैक्टर ना चलाने की बात पर विवाद हुआ था। इस मामले में दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई, जिसमें रामलाल केवट के पिता रामशिरोमणि केवट की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि दूसरे पक्ष से ट्रैक्टर मालिक को भी चोटें आईं, जिसका फिलहाल उपचार जारी है। इस मामले में पुलिस नें जहां हत्या के मामले में अनिल के दो साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था तो वहीं मृतक के शव का पीएम करा परिजनों के सुपुर्द कर दिया था लेकिन पुलिस को वह गोली नहीं मिली जिससे रामशिरोमणि की मौत हुई थी।
पीएम के दौरान भी मृतक के शरीर में धंसी गोली नहीं मिली
बताया गया कि डॉक्टरों को पीएम के दौरान भी मृतक के शरीर में धंसी गोली नहीं मिली जिसके बाद अब पुलिस साक्ष्य जुटाने के लिये मृतक के परिजनों से अस्थि कलश में गोली की तलाश करने की सहमति लेने के बाद छानबीन की है। पुलिस का मानना है कि अंतिम संस्कार के बाद जुटाई गई अस्थियों में गोली मिलने की उम्मीद थी, जिसके पास छानबीन की है।
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