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EOW का कारनामा, 6 साल पूर्व ही जुटा ली थी अभय राठौर की संपत्तियों की जानकारी, बाद में दे दी क्लीन चिट

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 इंदौर। नगर निगम के निलंबित एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अभय सिंह राठौर ने घोटाले की राशि से रिश्तेदारों के नाम से करोड़ों की संपत्ति खरीदी, लेकिन आर्थिक अपराध ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने उस पर पर्दा डाल दिया। छह वर्ष पूर्व एक छापे के दौरान मिली अकूत संपत्ति का ब्योरा तो जुटा लिया, लेकिन जांच में क्लीन चीट दे डाली। जबकि ईओडब्ल्यू ने उसी वक्त फर्जी रसीदें व आय से अधिक संपत्ति पकड़ ली थी। इससे राठौर की ऊपर तक पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसने क्लीन चिट ले ली।

नगर निगम में हुए सवा सौ करोड़ के ड्रेनेज घोटाले में गिरफ्तार अभय सिंह राठौर के ठिकानों पर आर्थिक अपराध ब्यूरो ने छह साल पूर्व छापा मारा था। ईओडब्ल्यू ने उस वक्त 15 बैंकों में 40 बैंक खाते, 16 करोड़ की प्रॉपर्टी और 19 करोड़ की जमीन का रिकाॅर्ड निकाला, जो उसने स्वजन और रिश्तेदारों के नाम से खरीदी थी। राठौर उस वक्त ड्रेनेज विभाग में पदस्थ था।

ईओडब्ल्यू के अफसरों को अभय के जीजा राकेश के घर से कोरी रसीदें हाथ लगीं, जिन्हें जांच में शामिल नहीं किया। जबकि इसके एक वर्ष पूर्व ही 400 करोड़ का टैंकर घोटाला हुआ था और राठौर जल यंत्रालय शाखा में भी पदस्थ रह चुका था। अफसरों ने राठौर को डराने के लिए नगर निगम को चिट्ठी तो लिखी, लेकिन कोरी रसीदों की जानकारी छुपा गए। करीब एक वर्ष चली जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने राठौर को क्लीन चिट देते हुए केस में खात्मा पेश कर दिया।

वर्ष 2017 में घोटाला और 2022 में हुआ भुगतान अभयसिंह राठौर के विरुद्ध 
दर्ज प्रकरणों में वर्ष 2017 में 
घोटाला करने का आरोप है। आरोपित ने वर्ष 2022 में इसका भुगतान करवाया है। पुलिस के मुताबिक राठौर ने ट्रेंचिंग ग्राउंड में भी फर्जीवाड़ा किया है।

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