Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

दहेज में मिलने वाले उपहारों की सूची रखी जाए… इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम आदेश

10

दहेज के आरोपों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश दिया है और राज्य सरकार से भी कई सवाल पूछे हैं. हाई कोर्ट ने कहा कि शादी के समय दूल्हा-दुल्हन को मिलने वाले उपहारों की सूची रखी जानी चाहिए ताकि शादी के बाद दोनों पक्ष एक-दूसरे पर दहेज को लेकर झूठे आरोप न लगा सकें. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये आदेश दहेज निषेध अधिनियम 1961 की धारा 3(2) के तहत दिया है.

अंकित सिंह और अन्य की याचिका पर जस्टिस विक्रम डी चौहान की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि दहेज निषेध अधिनियम 1961 की धारा 3 (2) को अक्षरशः लागू करने की जरूरत है ताकि इस प्रकार की मुकदमेबाजी से नागरिकों को बचाया जा सके और कोर्ट का समय भी बचे. हाईकोर्ट अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 मई को करेगा.

HC ने राज्य सरकार से भी पूछे सवाल

पूरे मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह सवाल पूछा है कि दहेज निषेध अधिनियम के अनुपालन को लेकर कितने अधिकारियों की नियुक्ति की गई है? हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि अगर नियुक्ति नहीं हुई है तो दहेज के बढ़ते मामलों को कैसे रोका जाएगा?

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि दहेज निषेध अधिनियम के मुताबिक विवाह पंजीकरण के समय शादी में मिलने वाले उपहार की सूची ली जा रही है या नहीं? कोर्ट ने इन सवालों का विस्तार से जवाब देने को कहा है.

धारा 3 क्या है?

दहेज लेना और देना दोनों ही सामाजिक अपराध है. इस पर रोक लगाने के लिए दहेज निषेध अधिनयम बना था, जिसकी धारा 3 के मुताबिक दहेज लेने या फिर देने पर कम से कम 5 साल की सजा का प्रावधान है. हलाांकि धारा 3 की उपधारा (2) के मुताबिक शादी के समय दूल्हे-दुल्हन को मिलने वाले उपहार को दहेज नहीं कहतें हैं लेकिन शादी के समय मिलने वाले उपहार की सूची रखने का प्रावधान है, नियम के मुताबिक इसका पावन किया जाना चाहिए.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.