न्याय सबके लिए’’ की अवधारणा को साकार करने के मकसद से राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के मार्गदर्शन में शनिवार को भव्य नेशनल लोक अदालत सम्पन्न हुई। लोक अदालत का शुभारंभ माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ के अवसर पर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मनीष मिश्रा , विशेष न्यायाधीश गिरीष दीक्षित, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अवधेश कुमार श्रीवास्तव एवं माननीय न्यायाधीश गण व अधिवक्ता संघ के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे ।
आपसी समझौते कर पक्षकार हुए खुश
लोक अदालत में समन्वय के साथ आपसी समझौते किए गए। बहुत ही सरलता के साथ जब उनके केस का निपटारा हुआ तो यहां पर अपने प्रकरण लेकर आए पक्षकार बेहद प्रसन्न नजर आए। उन्होंने कहा कि बड़ी ही आसानी से लोक अदालत में हमारे मामलों का निराकरण हो गया। जिससे हम बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि लोक अदालत की जो अवधारणा थी जबलपुर में साकार हुई है। क्योंकि यहां पर हमारी कोई फीस भी नहीं लगी और ना हमें लंबी पेशी करनी पड़ी।
4631 प्रकरण का हुआ निराकरण
नेशनल लोक अदालत में 4631 प्रकरणों का निराकरण करते हुए उन्तालीस करोड़ अंठावन लाख अंठावन हजार चार सौ अड़तीस रूपए का अवार्ड पारित हुआ। प्रकरणों के निराकरण के लिये कुल 78 खण्डपीठों का गठन किया गया था। जिसमें लंबित 1520 प्रकरणों एवं 3111 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया। लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकृति के 255 प्रकरण, धारा 138 एन.आई.एक्ट के 136 प्रकरण, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 849 प्रकरण, सिविल मामलों के 69 प्रकरणों, विवाह संबंधित प्रकरण 67 एवं विद्युत अधिनियम के अंतर्गत 59, लेबर प्रकरण 4 अन्य प्रकृति के 81 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया।
इस लोक अदालत में धारा 138 एन.आई.एक्ट में कुल तीन करोड़ आठ लाख नौ सौ सोलह से अधिक रूपये के समझौता राशि के निर्णय किये गए। मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के प्रकरणों में तीस करोड़ तेरह लाख आठ हजार लगभग के अवार्ड राशि पारित की गई। विद्युत के न्यायालयों में लंबित 59 प्रकरणों में सात लाख पच्चपन हजार छः सौ सत्तर की राजस्व वसूली हुई। इसी प्रकार बैंक रिकवरी के 179 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में निराकरण पष्चात तीन करोड़ उन्तालीस लाख दो हजार एक सौ उन्नीस की समझौता राशि लोक अदालत में प्राप्त हुई।
लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य समझौते के माध्यम से पक्षकारों के मामलों का निराकरण करना था जिससे की सामान्य जन को सुलभ, शीघ्र एवं निःशुल्क न्याय प्राप्त हो सके। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाबजूद भी आयोजित नेशनल लोक अदालत सफल रही।
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