ग्वालियर। ईवी के दोपहिया वाहनों के शौकीनों की संख्या शहर में लगातार बढ़ती जा रही है। राेजाना के काम निपटाने के लिए लोग ईवी को सुविधाजनक मानकर उसी का प्रयोग कर रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि हर तीसरे व्यक्ति के पास या तो ईवी के दुपहिया वाहन होते हैं या फिर वह लेने का विचार बना रहे होते हैं । लेकिन इसके साथ ही बीते दिनों में कई ऐसी घटनाएं भी सामने आई हैं जिसमें जाने-अनजाने में हुई जरा सी चूक से ईवी में आग लगी और वह देखते ही देखते जलकर खाक हो जाती है।यानि सुविधाजनक होने के साथ-साथ ईवी के दुपहिया वाहन खतरे की घंटी भी हैं। इसका सबसे मुख्य कारण वाहन की बैटरी में सैल के शार्ट होने या हीटिंग की समस्या से बैटरी में ब्लास्ट होना होता है। इस बारे में जब विशेषज्ञों से बातचीत की ताे उन्होंने निर्माताओं और उपयोगकर्ताओं से होने वाली उन गड़बड़ियों के बारे में बताया जो अधिकतर मामलों में आग लगने का कारण होती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि ईवी को चलाने से लेकर चार्ज करने में विशेष सावधानियां रखनी होती हैं। इसके साथ ही ईवी का भी रखरखाव होता है। अगर इसमें लापरवाही बरती जाए तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
तापमान बढ़ने पर फटती है लीथियम बैटरी
अब तक प्रयोग में लैड एसिड बैटरी को उपयोग मे लाया जाता था जिसमे सल्फ्यूरिक एसिड होता है भीतर लेड की प्लेट होती है । यह बैटरी रिस्की तो नहीं होती थी लेकिन इसमें कई कमियां थी जिसमें अधिक जगह घेरना और देर में चार्ज होना सबसे अहम परेशानी थी । इसके चलते इसे लीथिसम बैटरी से बदल दिया गया। यहां भी कुछ सुविधाएं बढ़ी तो कुछ नई परेशानियां आ गई। इन बैटरियों में सैल का शार्ट होने से शुरूआत होती है फिर चार्जिंग के दौरान करेंट ओवरफ्लो होने से बैटरी का तापमान बढ़ता है और बैटरी पंक्चर होकर ब्लास्ट हो जाती है और आग लग जाती है।
लीथियम आयन फास्पोरस बैटरी अधिक बेहतर
जब बैटरी में शार्ट होने और आग लगने की समस्या बढ़ने लगी तो निर्माता कंपनियों ने कुछ सुधार कार्य करते हुए लीथियम आयन फास्पोरस बैटरी तैयार की । इस बैटरी मे शार्ट होने की संभावनाएं काफी कम होती है या कहें कि न के बराबर होती है। लेकिन इसके साथ ही ये बैटरी वोल्टेज कम देती है तो ऐसे में साइज बढ़ा कर अधिक बैटरियो का उपयोग करना पड़ता है। कीमत थोड़ी अधिक होती है तो लोग इसे उपयोग करने से बचते हैं।
चेतावनी संकेतों को पहचानें
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- लिथियम-आयन बैटरी फूली हुई, बदरंग दिखाई दे, तो इसका मतलब उसमें कोई समस्या है। ऐसे में इसका उपयोग बंद कर दें और बैटरी बदलवा लें।
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- बैटरी लीक में रिसाव या असामान्य गंध जैसे तेज रासायनिक गंध का आना खराब बैटरी का संकेत हो सकता है। इसका उपयोग तुरंत बंद कर दें।
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- लिथियम-आयन बैटरी नियमित उपयोग के दौरान अगर अत्यधिक गर्म हो रही हो या धुआं छोड़ने लगे तो इसे उपकरण से हटा दें और ज्वलनशील पदार्थों से दूर किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
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- लिथियम-आयन बैटरियों के उचित उपयोग और रखरखाव के लिए हमेशा निर्माता कंपनी द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। इसमें बैटरियों को चार्ज करने, स्टोर करने से जुडी पूरी जानकारी दी जाती है।
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- वाहन को बंद स्थान में चार्ज करने से बचें । खुले हवादार क्षेत्र में वाहन को चार्ज करें जिससे इसका तापमान नियंत्रित रहे।
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- वाहन साथ आए चार्जर से ही उसे चार्ज करें, हर बैटरी का अपना निश्चित चार्जर होता है, वैकल्पिक उपयोग न करें।
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- अनावश्यक या जरा जरा सी देर में चार्जिंग करना बैटरी की हेल्थ पर प्रभाव ड़ालता है। इससे बचें । ध्यान रखें कि चलकर आए वाहन को तुरंत चार्ज न करें।
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- लिथियम-आयन बैटरियों को सीधे धूप या अत्यधिक गर्मी के संपर्क में न रखें, क्योंकि इससे आग लगने का खतरा बढ़ सकता है।
चैक करें कि अच्छी कंपनी की बैटरी उपयोग हो
बाजार मे मिलने वाले ऐसे ईवी वाहन जो सस्ती बैटरी उपयोग करते हैं उनमें थर्मल शटडाउन नहीं लगा होता जो बैटरी हीट होने पर उसे बंद कर देता है।इससे तापमान बढ़ने पर वाहन में आग लगने की घटना बढ़ जाती है। ईवी में चैक करें कि अच्छी कंपनी की बैटरी उपयोग की जाए , साथ ही समय समय पर इसकी जांच करवाते रहें।
– आनंद मिश्रा, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर
वाहन को रात भर के लिए चार्जिंग पर नहीं लगाएं
आम तौर पर लोगों को लगता है कि ईवी का कोई मेंटिनेंस नहीं होता है, तो ऐसा नहीं है। ऐसे वाहनों की बैटरी समय समय पर चैक करवाते रहना चाहिए। इसके साथ ही ध्यान रखें कि वाहन को रात भर के लिए चार्जिंग पर नहीं लगाएं। इससे बैटरी की हैल्थ बिगड़ती है। एक बार लगभग पूरी डिस्चार्ज होने पर ही चार्ज पर लगाएं।
– ऋषभ तिवारी , आटोमोबाइल इंजीनियर
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