बुरहानपुर। शनिवार तड़के करीब साढ़े पांच बजे इंदौर से अकोला जा रही एक स्लीपर कोच बस जसौंदी गांव के पास खाई में गिर गई। जिससे बस में सवार 19 यात्रियों को चोट आई है। गनीमत थी कि किसी यात्री की मृत्यु नहीं हुई। सभी घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पाटीदार ने बताया कि यह बस दुर्घटना चालक की लापरवाही के कारण हुई है। दरअसल घाट पर पहुंचते ही चालक को बस में खराबी आने का अहसास हुआ, तो उसने घाट पर ही बस को रोक दिया।
बस को लुढ़कने से रोकने के लिए उसने टायरों में पत्थर तो लगाए थे, लेकिन वे छोटे और अपर्याप्त थे। जिसके चलते बस अचानक लुढ़कनी शुरू हो गई और पचास फीट गहरी खाई में जा गिरी। यात्रियों की चीख पुकार सुन कर पास के ग्रामीण पहुंचे और किसी तरह घायलों को बाहर निकाल कर पुलिस को सूचना दी।
बस में सवार रहे यात्रियों ने बताया कि घाट पर बस रोके जाने के बाद आधे यात्री लघुशंका आदि के लिए नीचे उतर गए थे। जिसके चलते वे बाल-बाल बच गए। संभवत: यही वजह थी कि किसी की जान नहीं गई। यदि सारे यात्री सवार होते तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
सूचना मिलते ही शाहपुर थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा, एसडीएम, सीएसपी सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच गया था। घायलों को चार एम्बुलेंस की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां सिविल सर्जन डा. प्रदीप मोजेस ने खुद पहुंच कर उनका इलाज शुरू कराया।
इंदौर के सात लोग घायल
इस बस में इंदौर के दो परिवार के सात लोग घायल हुए हैं। जबकि शेष अकोला व अन्य स्थानों के रहने वाले थे। इंदौर के घायल परिवारों में सावित्री लोखंडे 35 वर्ष, हर्षित लोखंडे 10 वर्ष, शिवांगी लोखंडे आठ वर्ष, अजमल हुदा 36 वर्ष, माया अजमल 35 वर्ष, पीयूष अजमल सात वर्ष और युवराज अजमल तीन वर्ष शामिल हैं।
विधायक ने अस्पताल पहुंचकर जाना हाल
बस के दुर्घटना ग्रस्त होने और यात्रियों के घायल होने की सूचना मिलने पर भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता और विधायक अर्चना चिटनिस, बलराज नवानी सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी जिला अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने घायलों का हाल-चाल जाना और चिकित्सकों से उचित उपचार करने कहा। अधिकांश यात्रियों को हाथ, पैर, सिर में चोट आई है। बताया गया है कि बस में करीब 45 यात्री सवार थे।
धड़ल्ले से चल रहीं सिंगल डोर बसें
इंदौर से पुणे, अकोला, अमरावती सहित अन्य शहरों के लिए अब भी सिंगल डोर वाली स्लीपर कोच बसें धड़ल्ले से दौड़ रही हैं। बीते साल एक दुर्घटना के बाद परिवहन विभाग ने सिंगल डोर बसों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया था। बावजूद इसके बस आपरेटर ऐसी बसें दौड़ा रहे हैं।
जिसके चलते दुर्घटना होने पर यात्री अासानी से बाहर नहीं निकल पाते। बुरहानपुर में लंबे समय से क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की कुर्सी खाली पड़ी है। जिसके कारण यात्री वाहनों की जांच और कार्रवाई नहीं हो रही है। बताया गया है कि शनिवार को हादसे का शिकार हुई स्लीपर कोच बस भी सिंगल डोर थी।
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