लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के संपत्ति सर्वे पर मचे घमासान के बीच ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के बयान ने नया सियासी भूचाल ला दिया. हालांकि पित्रोदा सफाई दे रहे हैं कि उनके बयान को बिना वजह कांग्रेस के मेनिफेस्टो से जोड़ा जा रहा है. अमेरिका के विरासत कानून का जिक्र करते हुए पित्रोदा ने कहा कि भारत में भी इस तरह की नीति पर चर्चा करनी चाहिए. इस बयान का कांग्रेस के प्रवक्ता व उत्तर पश्चिम दिल्ली से कांग्रेस उदित राज ने भी समर्थन किया है.
उन्होंने कहा कि सैम पित्रोदा का सुझाव अच्छा है. मैं कांग्रेस का प्रवक्ता हूं. मेरा बयान कांग्रेस का बयान माना जाएगा. बीजेपी के बड़े नेताओं के बच्चे अमेरिका में पढ़ते हैं, मोदी वहां जनसभा करते हैं क्योंकि कुछ मामलों में उनका टैक्सेशन पालिसी अच्छी है. जिन 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रहे हैं, इस तरह के टैक्सेशन पॉलिसी से इन लोगों के लिए बेहतर किया जा सकता है.’
बीजेपी वेल्थ टैक्स सिस्टम नहीं जानती- उदित राज
उन्होंने कहा, ‘ये कोई गलत बात नहीं है, ये जनता को ही दिया जाएगा. इस तरह के सुझाव पर विचार होना चाहिए. भारत मे प्रोग्रेसिव टैक्सेशन की ज्यादा जरूरत है. गरीब देश में जितने अमीर हैं थोड़ा-थोड़ा योगदान दें. बीजेपी वेल्थ टैक्स सिस्टम नहीं जानती, मैं इनकम टैक्स कमिश्नर रहा हूं. एक स्लैब बनेगा, जो संपत्ति सर्कुलेशन में नहीं है, जिसका इस्तेमाल नहीं है, ऐसी संपत्ति को ही लेने का प्रावधान है. सैम पित्रोदा का सुझाव बहुत अच्छा है.’
कांग्रेस ने किया पित्रोदा के बयान से किनारा
कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश का कहना है कि सैम पित्रोदा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. वे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार स्वतंत्र रूप से व्यक्त करते हैं. ऐसा नहीं है कि वे कांग्रेस के विचारों को प्रतिबिंबित करें और इस मुद्दे पर भी यह कांग्रेस की आधिकारिक स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं कर रहा है. पित्रोदा का बयान कांग्रेस नेतृत्व का नहीं है. मुझे लगता है कि इसे प्रधानमंत्री के दुर्भावनापूर्ण, जहर भरे अभियान से ध्यान हटाने के लिए सनसनीखेज बनाया जा रहा है.
बीजेपी ने बोला कांग्रेस पर हमला
उनके बयान पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि वे तो कांग्रेस के प्रवक्ता भी हैं, उम्मीदवार भी. समझ में नहीं आता कि कौन-किससे मिला है. यह हिट विकेट है. सैम पित्रोदा ने कांग्रेस के घोषणापत्र का एक्सरे कर दिया है. अब कांग्रेस उसको ढक नहीं सकती, हकीकत खुल कर सामने आ गई है. कांग्रेस ने साल 2004 में सत्ता में आने के बाद पहला काम POTA को खत्म करने का काम किया था. उसके बाद देश के कई हिस्सों में धमाके होते थे और अब जान के साथ आपके धन पर खतरे की गारंटी साफ हो गई है. सवाल है कि इस विरासत को लेकर आप देंगे किसको, क्या उन घुसपैठियों को देंगें?
सैम पित्रोदा ने क्या दिया था बयान?
सैम पित्रोदा ने कहा कि अमीर होने में कुछ भी गलत नहीं है. धन जमा करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन किस हद तक? आपको बता दें, अमेरिका में विरासत कर लगता है, तो यदि मान लें कि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब उसकी मृत्यु हो जाती है, तो वह संभवतः 45 फीसदी ही अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है. 55 फीसदी सरकार हड़प लेती है. अब, यह एक दिलचस्प कानून है. यह आपकी पीढ़ी में आपको बताया जाता है. अगर संपत्ति बनाते हैं, उसके बाद जिस वक्त आप दुनिया से जा रहे होते हैं आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़ देनी चाहिए. पूरी संपत्ति नहीं, बल्कि आधी, जो मुझे उचित लगता है. भारत में, आपके पास ये व्यवस्था नहीं है. यदि किसी के पास 10 अरब हैं और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिल जाता है, आम जनता को कुछ नहीं मिलता, कानून कहता है कि आम जनता को आधा हिस्सा मिलता है तो ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लोगों को बहस करनी होगी, चर्चा करनी होगी.
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