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पटाखा फैक्ट्री में दूसरे दिन भी उठ रहा धुआं, हटाया जा रहा मलबा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी पहुंचे

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हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर बैरागढ़ गांव स्थित पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार सुबह विस्फोट के बाद भीषण आग लग गई। करीब पौन घंटे तक रह-रह कर धमाके होते रहे। धमाके इतने जोरदार थे कि वहां मौजूद लोहे के उपकरण और कंक्रीट करीब दो सौ मीटर की परिधि में उछले। इससे भी तमाम लोग घायल हो गए। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 172 लोग घायल हुए हैं। जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई घायलों को इंदौर, भोपाल के अलावा आसपास के जिलों के अस्पतालों में ले जाकर भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है। मुख्यमंत्री आज स्वयं हरदा पहुंचकर हालात का जायजा लेंगे।

 पत्रकारों से बातचीत करते हुए जीतू पटवारी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट सरकार द्वारा कराया गया क्राइम है। हमने प्रदेश में भू माफिया रेत माफिया सुना था, लेकिन भाजपा के राज्य में बारूद माफिया भी पैदा हो गए हैं। प्रदेश मुख्यमंत्री कुर्सी से चिपके हुए बैठे हैं उनको घटना वाले दिन ही मौके पर आकर परेशान लोगों से मिलना था।। मेरी सरकार से मांग है कि हादसे में जो घायल हुए हैं उन्हें 10 लाख और जिनकी मौत हुई है उन्हें एक करोड रुपए की सहायता राशि तत्काल जारी की जाए। जीतू पटवारी ने रेस्क्यू अभियान पर भी सवाल उठाए और कहा कि जिस तरह यहां ताबड़तोड़ पोकलेन मशीन जमीन खोद रही हैं, उससे लगता है कि सरकार लाशों को निकालना नहीं उन्हें दफनाना चाहती है। पटवारी बोले कि इतनी बड़ी घटना हुई है और फोरेंसिक का एक भी अधिकारी नहीं है।

 कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी घटना स्थल पर पहुंचे। प्रभावितों को प्रशासन द्वारा भोजन, पानी और रहने की सुविधा नहीं देने से नाराज हुए जीतू पटवारी। कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा और पीसी शर्मा भी उनके साथ हैं। लोगों की व्यथा सुन जीतू पटवारी ने मौके पर मौजूद एसडीएम के समक्ष नाराजगी जताई और  कलेक्टर को फोन लगवा कर बात करने को कहा। जीतू पटवारी ने एसडीएम के मोबाइल से कलेक्टर ऋषि गर्ग से तल्ख लहजे में बात की और मौके पर आकर वस्तु स्थिति बताने की बात कही। जीतू पटवारी ने कलेक्टर से कहा कि आप अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाओ यहां लाशें बिछी हुई है और आप यहां से भाग गए वापस आकर मुझे स्थिति स्पष्ट करो।

पटाखा फैक्ट्री के आसपास के तकरीबन आधा किलोमीटर के इलाके में वीरानी छाई हुई है। घरों में ताले लटके हैं और जान बचाकर भागे लोगों ने दूसरे गांवों में या दूर सुरक्षित जगह जाकर पनाह ले रखी है। लोग इस कदर दशहत में हैं कि घटना के 20-21 घंटे गुजरने के बाद भी घर लौटने को तैयार नहीं। उधर बुधवार सुबह कलेक्टर, एसपी समेत पुलिस-प्रशासन के कुछ और अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं और बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं। फिलहाल बेसमेंट से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है।

पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद दूसरे दिन भी मलबे में जगह-जगह आग धधक रही है और धुआं उठ रहा है। तेज तपिश बरकरार है। इससे बचावकर्मियों को मलबा हटाने में भी दिक्कत आ रही है। मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के बचाव दल आग बुझाने और कूलिंग करने का काम कर रहे हैं।

 पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे के एक और आरोपित रफीक उर्फ मन्‍नी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि रफीक कांग्रेस पार्षद का भाई है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

 63 वर्षीय नर्मदा प्रसाद राठौर ने बताया कि फैक्ट्री में धमाकों के साथ बड़े-बड़े पत्थर उछलकर गोले की तरह आसपास के इलाकों में बरस रहे थे। पत्थरों की बरसात से ऐसा लगा कि हम घर के भीतर भी सुरक्षित नहीं रह पाएंगे। बरस रहे पत्थरों की रफ्तार इतनी तेज थी कि चार-पांच इंच मोटी दीवारों में भी आर-पार छेद हो गए। घर के अंदर रखे सामान को भी नुकसान पहुंचा।

पटाखा फैक्ट्री से करीब 600 मीटर दूर मगरधा रोड किनारे रहने वाले 63 वर्षीय नर्मदा प्रसाद राठौर ने बताया कि जब फैक्ट्री में धमाका हुआ तो उनके घर पर बड़े-बड़े पत्थरों की बरसात होने लगी। इससे दीवारों में छेद हो गए, लेट-बाथ क्षतिग्रस्त हो गई। घर में उसे समय पांच सदस्य मौजूद थे, जो जान बचाकर घर से दूर भागे। सुरक्षा की दृष्टि से घर के सभी सदस्यों को गांव पर भिजवा दिया है। धमाकों की वजह से टीन शेड की चद्दरें और लोहे की शटर तक क्षतिग्रस्त हो गईं। मकानों की दीवारों को भी नुकसान पहुंचा।

 पटाखा फैक्ट्री के आसपास तबाही का मंजर भयावह है। खेत में जहां तक नजर जा रही है। सिर्फ मलबा, टीन की टूटी हुई चादरें, लोहे के एंगल और जला हुआ सामान नजर आ रहा है। फैक्ट्री के पास खेत में लगे आम के दो विशाल पेड़ पूरी तरह जलकर सूख चुके हैं। फैक्ट्री की साइट पर पूरी तरह जली हुई एक कार भी नजर आई। इसके साथ-साथ दो बाइक भी मलबे में मिली हैं, जिनका सिर्फ ढांचा बचा है।

 पटाखा फैक्ट्री के आसपास चारों तरफ तबाही मची है। घटना के अगले दिन सुबह भी जो वीडियो-फोटो सामने आए, वह रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं। टीन शेड से उछली लोहे की चद्दरें और पाइप सड़क किनारे बिखरे पड़े हैं। फैक्ट्री की साइट पर पूरी तरह क्षतिग्रस्त पिकअप वाहन भी नजर आया, जिसमें बारूद भरा होना बताया जा रहा था। फैक्ट्री से सटा एक गेहूं का खेत था, जो मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। इसमें उगी फसल पूरी तरह तबाह हो गई।

 पटाखा फैक्ट्री की साइट पर वाराणसी स्थित हेडक्वार्टर से एनडीआरएफ का 35 सदस्यीय टीम बुधवार सुबह पहुंची। फैक्ट्री में जहां तलघर में बारूद और कर्मचारी मौजूद थे, वहां मलबा हटाने का काम किया जा रहा है। साइट पर बचाव कर्मियों के साथ पोकलेन मशीनों के अलावा एंबुलेंस भी मौजूद हैं, ताकि अगर कोई मलबे में दबा व्यक्ति मिले, तो उसे तुरंत अस्पताल भिजवाया जा सके।

 पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से आसपास के इलाके भी प्रभावित हुए। धमाकों की गूंज दूर तक सुनाई दी, वहीं लोगों को कंपन भी महसूस हुआ। आसपास के मकानों को भी क्षति पहुंची। इसके साथ ही पटाखा फैक्ट्री से सटे खेतों में उगी फसल भी तबाह हो गई।

 हरदा में मगरधा रोड पर स्थित बैरागढ़ गांव की पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार सुबह करीब सवा ग्यारह बजे पहला विस्फोट हुआ था, जिसके बाद भीषण आग लग गई। इस भीषण हादसे में पटाखा फैक्ट्री पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गई। दूसरे दिन सुबह तक यहां बचाव कार्य जारी है। पोकलेन मशीनों के जरिए मलबे को हटाया जा रहा है। हालांकि आग बुझ चुकी है, लेकिन अब भी कहीं-कहीं से धुआं उठ रहा है।

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