गुजरात के अमरेली जिले में एक शेरनी की मौत हो गई है। यह शेरनी चार दिन पहले एक ट्रेन की चपेट में आने के बाद घायल हो गई थी, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा था। लेकिन बुधवार को शेरनी ने दम तोड़ दिया। इस महीने जिले में ट्रेन की चपेट में आने से शेरनी की मौत का यह तीसरा मामला है।
20 जनवरी को घायल हुई थी शेरनी
अमरेली जिले के राजुला तालुका के डोलिया गांव के पास 20 जनवरी को एक यात्री ट्रेन की चपेट में आने से शेरनी घायल हो गई थी। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इसे जूनागढ़ जिले के सक्करबाग चिड़ियाघर में भेजा गया था, जहां इलाज के दौरान बुधवार को इसकी मौत हो गई।
एक महीने में तीसरी घटना
इससे पहले तीन जनवरी को अमरेली के गिर (पूर्व) वन प्रभाग के विजापडी गांव के पास एक मालगाड़ी की चपेट में आने से एक शेरनी घायल हो गई थी। एक अधिकारी ने बताया था कि, शेरनी को प्राथमिक उपचार दिया गया और बाद में इसे शक्करबाग चिड़ियाघर में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान 11 जनवरी को इसकी मृत्यु हो गई। अधिकारी ने बताया कि 12 जनवरी को अमरेली जिले के उसकी डिवीजिन में अमृतवेल गांव के पास ट्रेन की चपेट में आने से एक शेर की मौत हो गई थी।
सूबे में कितनी है शेरों की आबादी?
2020 में एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में एशियाई शेरों की आबादी 2015 से पांच वर्षों में 523 से लगभग 29 प्रतिशत बढ़कर 674 हो गई, जबकि शेरों का वितरण क्षेत्र 36 प्रतिशत बढ़ गया। फरवरी 2023 में राज्य विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में वन मंत्री मुलु बेरा ने कहा कि 2021 और 2022 में दो वर्षों में राज्य में हुई 240 शेरों की मौतों में से 26 मौतें अप्राकृतिक कारणों से हुईं, जैसे बड़ी बिल्लियों का वाहनों की चपेट में आना या खुले कुओं में गिरना।
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