लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक साल बाद अपनी दूसरी यात्रा शुरू की, जिसका नाम ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ नाम दिया है. राहुल गांधी ने इम्फाल के पास हिंसा प्रभावित मणिपुर के थौबल जिले से यात्रा की शुरुआत की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के अन्य टॉप नेताओं ने थौबल में यात्रा के शुभारंभ समारोह में भाग लिया. यात्रा का उद्देश्य विधानसभा चुनावों के आखिरी दौर में खराब प्रदर्शन के बाद 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की चुनावी संभावनाओं को पुनर्जीवित करना है.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा दूसरे दिन सुबह 8 बजे शुरू हो गई और वह कुछ देर में बस से कांगपोकपी में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. कस्टम-मेड वोल्वो बस को हाइड्रोलिक लिफ्ट से सुसज्जित किया गया है ताकि वह रास्ते में आम लोगों को संबोधित कर सकें. इसके बाद 11 बजे सेनापति में लोगों को संबोधित करेंगे. दोपहर 12 बजे करोंग ग्राउंडल में विश्राम किया जाएगा. इसके बाद दोपहर 2 बजे करोंग से यात्रा फिर से शुरू होगी. साढ़े चार बजे माओ गेट पर यात्रा का विश्राम होगा. इसके बाद नागालैंड के खुजामा ग्राउंड में रात्रि विश्राम किया जाएगा.
भारत जोड़ो न्याय यात्रा 6713 किमी की दूरी करेगी तय
बताया गया है कि अगले दो महीनों में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ मणिपुर से महाराष्ट्र की यात्रा करेगी, जिसमें 6,713 किमी की दूरी तय की जाएगी. 20-21 मार्च को यह यात्रा मुंबई पहुंचेगी. इस दौरान 15 राज्यों को कवर करेगी. साथ ही साथ 100 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरेगी, जहां पार्टी वोटर्स को अपनी तरफ आकर्षित करने की भी कोशिश करेगी.
भारत जोड़ो न्याय यात्रा को हरी झंडी दिखाने से कुछ मिनट पहले इंफाल के पास थौबल में एक सार्वजनिक जनसभा को संबोधित किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हिंदुत्व की पिच पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया. खरगे और राहुल ने संकटग्रस्त मणिपुर का अब तक दौरा नहीं करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की. वहीं, अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले खरगे ने मोदी पर चुनावी लाभ के लिए राम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि बीजेपी वोटों के लिए धोखाधड़ी कर रही है.
भारत जोड़ो न्याय यात्रा का उद्देश्य
मणिपुर से कांग्रेस की यात्रा की शुरुआत महत्वपूर्ण मानी जा रही है. ये पिछले कई महीनों से जातीय हिंसा की भेंट चढ़ा हुआ है, जिसमें मई से अब तक 180 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. कांग्रेस का कहना है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा चुनावी नहीं बल्कि इसलिए निकाल रही है क्योंकि सरकार ने उसे लोगों के मुद्दे संसद में उठाने का मौका नहीं दिया और इस पहल का उद्देश्य सिद्धांतों को फिर से स्थापित करना है.
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