भोपाल। समूचा उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में है। साथ ही वहां घना कोहरा भी बना हुआ है। उत्तर भारत की तरफ से लगातार आ रही सर्द हवाओं के साथ ही कोहरा भी आ रहा है। इस वजह से पूरे प्रदेश में सुबह के समय कोहरा बना हुआ है। इससे जहां सुबह के समय दृश्यता प्रभावित हो रही है, वहीं दिन का तापमान भी लुढ़कने लगा है। मंगलवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, भोपाल संभाग के जिलों में घना कोहरा बना रहा।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार सुबह भोपाल में न्यूनतम दृश्यता 10 मीटर, ग्वालियर में100 मीटर, टीकमगढ़ में 50-200 मीटर, दमोह एवं खजुराहो में 200 मीटर, गुना, रतलाम, उज्जैन, शिवपुरी, सागर, रीवा और मंडला में 200-500 मीटर, एवां दतिया में 500 मीटर दर्ज की गई।
इन इलाकों में ज्यादा ठंड
उधर प्रदेश में सबसे कम 10 डिग्री सेल्सियस तापमान ग्वालियर एवं खजुराहो में दर्ज किया गया। हिल स्टेशन पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। रीवा में रात का पारा 10.4 डिग्री पर रहा। दतिया में न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री, सागर में 10.6 और जबलपुर में 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजधानी भोपाल में रात का पारा 13.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.1 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मंगलवार को गुना, राजगढ़, छतरपुर जिले में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है।
तीन संभागों में हो सकती है बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि प्रदेश के उत्तरी भाग में लगातार कोहारा बना हुआ है। मंगलवार सुबह ग्वालियर में दृश्यता 100 मीटर तक रह गई थी। अभी दो दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है। गुरुवार से ग्वालियर, चंबल एवं सागर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा होने की संभावना है।
ये वेदर सिस्टम सक्रिय
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में हरियाणा पर हवा के ऊपरी भाग में गए चक्रवात बना हुआ है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश तक एक द्रोणिका बनी हुई है। हवाओं का रुख अभी उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी बना हुआ है। उत्तर भारत की तरफ से हवाओं के साथ कोहरा भी बहकर आ रहा है। इस वजह से ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल संभाग के जिलों घना कोहरा छा रहा है। इससे मंगलवार को दिन के तापमान में काफी गिरावट हो सकती है। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो दिन तक बना रह सकता है। उसके बाद उत्तरी मध्य प्रदेश के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा भी हो सकती है।
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