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बालाघाट में डाक मत पत्रों को लेकर कलेक्टर ने स्वीकारी प्रक्रियात्मक त्रुटि

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भोपाल। बालाघाट जिले में डाक मत पत्रों की गिनती नहीं हुई। प्रक्रियात्मक त्रुटि अवश्य हुई है। तीन बजे स्ट्रांग रूम खोला जाना था लेकिन उसे डेढ़ बजे ही खोल दिया गया और राजनीतिक दल व अभ्यर्थियों को पत्र भेजने के स्थान पर फोन से सूचना दी गई। इसके लिए डाक मत पत्रों के नोडल अधिकारी तहसीलदार लालबर्रा को निलंबित कर दिया है। यह रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने चुनाव आयोग को मंगलवार को भेजी है।

कलेक्टर डा. गिरीश कुमार मिश्रा ने भी प्रक्रियात्मक त्रुटि को स्वीकार किया है और यह भी कहा कि उनकी जानकारी के बिना स्ट्रांग रूम खोला गया। हालांकि, वहां अभ्यर्थियों के अधिकृत प्रतिनिधि और राजनीतिक दल के लोग उपस्थित थे। उधर, इस मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने एक-दूसरे पर भ्रम फैलाने के आरोप लगाए हैं।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी गई है। डाक मत पत्रों की न तो गणना हुई है और न ही उन्हें खोला गया है। प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ, जिसके लिए कार्रवाई की गई है। जब स्ट्रांग रूम को सील किया गया, तब राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि वहां उपस्थित थे। सूत्रों का कहना है कि इस बार डाक मत पत्र से मतदान की व्यवस्था में परिवर्तन हुआ है।

कर्मचारियों से प्रशिक्षण स्थल पर बनाए सुविधा केंद्रों पर ही मतदान कराया गया है। यह कार्य मतदान के पूर्व सभी जिलों में हुआ। डाक मत पत्रों को सील बंद करके कोषालय के स्ट्रांग रूम में रखा गया। विधानसभा क्षेत्रवार डाक मत पत्रों के बंडल मतगणना से पूर्व बनाए जाने थे लेकिन बालाघाट में यह कार्य अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को फोन पर सूचना देकर 27 नवंबर को किया गया। यह त्रु़टि हुई। अव्वल तो बाकायदा लिखित में सूचना दी जानी थी और जब तीन बजे का समय नियत किया गया था, तो डेढ़ बजे नहीं खोला जाना था। वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी जानी चाहिए थी, जो नहीं दी गई।

‘गंभीर कदाचरण को सही सिद्ध करने का प्रयास अक्षम्य अपराध’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि बालाघाट में डाक मत पत्रों को जिस तरह से खोला गया, वह गंभीर कदाचरण है। इसके बाद भी सरकारी मशीनरी और जिम्मेदार अधिकारियों ने जिस तरह से इस कृत्य को सही साबित करने का प्रयास किया, वह और भी अक्षम्य अपराध है।

चुनाव प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारी इस समय चुनाव आयोग के अंतर्गत काम कर रहे हैं। कोई भी इस समय किसी पार्टी या मंत्री के मातहत काम नहीं कर रहे हैं इसलिए सभी से निवेदन है कि वे किसी भी असंवैधानिक या गैरकानूनी आदेश का पालन न करें और केवल वही कार्य करें जो करना उनका प्रशासनिक दायित्व है।

कांग्रेस ने आयोग को सौंपा वीडियो, कार्रवाई की मांग

उधर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को नई दिल्ली में चुनाव आयोग को बालाघाट में डाक मतपत्रों की छंटाई के विषय को लेकर शिकायत की। पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि हमने आयोग को मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले का वीडियो दिया है।

इसमें स्पष्ट दिख रहा है कि जिला निर्वाचन अधिकारी, जो रक्षक होते हैं वह भक्षक बन गए और मतपत्रों से छेड़खानी की जा रही है। इस पर आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए। हम विश्वास करते हैं कि आयोग द्वारा जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस-भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा ने एक्स पर पोस्ट किया कि नियम व प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ है। इसकी पूरी जवाबदारी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाक मत पत्र के रिटर्निंग अधिकारी की होती है इसलिए दोनों को निलंबित किया जाना चाहिए।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि कांग्रेस के सारे आरोप झूठे हैं। पार्टी के संगठन मंत्री स्वयं बयान दे चुके हैं कि भ्रम के कारण यह स्थिति बनी। हम संतुष्ट हैं। साथ ही कांग्रेस के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में डाक मत पत्रों के बंडल जमाने का काम हुआ, इसके पंचनामें में सबके हस्ताक्षर हैं।

स्ट्रांग रूम की बिजली गुल, सीसीटीवी कैमरे हुए बंद

पालिटेक्निक कालेज में मतगणना के लिए बनाए गए स्ट्रांग रूम की बिजली मंगलवार को गुल हो गई, जिससे सीसीटीवी कैमरे भी बंद हो गए। इससे नाराज कांग्रेस की ओर से मामले की त्वरित जांच करने के साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी डा. गिरीश कुमार मिश्रा को हटाने की मांग की गई है।

कांग्रेस प्रत्याशी अनुभा मुंजारे ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी से जनरेटर की व्यवस्था के लिए कहा था। करीब आधा से पौन घंटे तक बिजली गुल रही। इससे मतगणना के दिन भी गड़बड़ी किए जाने की आशंका है।

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