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कंपनी एक्ट में वार्षिक अनुपालन सुनिश्चित करने के विषय पर सेमिनार आयोजित

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लिमिटेड कंपनी में डायरेक्टर से ही लोन लिया जा सकता है इंदौर। इंदौर ब्रांच आफ आईसीएआई द्वारा एक सेमिनार आयोजित किया गया। इस दौरान कंपनी एक्ट मे कंपनी को क्या-क्या वार्षिक अनुपालन करना होता है विषय पर चर्चा की गई। इंदौर ब्रांच के चेयरमैन मौसम राठी ने बताया कि कंपनी एक्ट में कई ऐसे फार्म होते हैं जिनको समय पर फाइल करना अनिवार्य है। यदि ये समय पर फाइल नहीं होते है तो कई बार बड़ी भारी लेट फीस देना पड़ती है।

आडिटर का अप्वाइंटमेंट या पुनः अप्वाइंटमेंट करने के लिए समय सीमा होती है जिसकी शेयर होल्डर की मीटिंग में सहमति लेना होती है। सदस्यों को अनुपालन कि बारे में कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कंपनी सेक्रेट्री एलएन जोशी ने संबोधित किया। उन्होंने बताया कि समय पर अनुपालन पूरा करने पर कंपनी भविष्य की कई समस्याओं से मुक्ति प्राप्त कर सकती है। लिमिटेड कंपनी में डायरेक्टर से ही लोन लिया जा सकता है डायरेक्टर के रिश्तेदार भी लोन नहीं लिया जा सकता है।

60 दिन में वार्षिक रीटर्न फाइल अनिवार्य

नए पोर्टल वी 3 के बाद आर्टिफीशियल एटेलीजेंस का उपयोग करके रजिस्ट्रार द्वारा नोटिस दिये जाएंगे। कई बार सही जनकारी नहीं होने के अभाव में भी कंपनी के नियोक्ता कंप्लायंसेज नहीं करवा पाते है। यदि एजीएम 30 सितंबर को हुई है तो 29 अक्टूबर तक बैलेंस शीट फाइल करना अनिवार्य है और 60 दिन में वार्षिक रीटर्न फाइल करना अनिवार्य है।

एनुअल रिटर्न फाइल नहीं करने पर प्रति दिन 100 से पांच लाख तक की पेनल्टी हो सकती है। यदि किसी भी जगह पर पेनल्टी डिफाइन नहीं है तो 50000 तक की पेनल्टी लगाई जा सकती है। कार्यक्रम का संचालन वाईस चेयरमैन अतिशय खासगीवाला ने किया। साथ ही उमेश गोयल और जगदीश पाटीदार सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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