बता दें कि समग्र घोटाले की वजह से करीब एक माह पहले वार्ड 69 के प्रभारी शिवकुमार गोफनिया को हटाया गया था। तब से यहां नए वार्ड प्रभारी की नियुक्ति नहीं की गई। इसी प्रकार वार्ड 48 और 81 में नए वार्ड प्रभारी की नियुक्ति का आदेश होने के बाद भी अब तक यहां किसी ने ज्वाइन नहीं किया। जबकि इस समय नगर निगम आयुक्त फ्रैंक नोबल ए ने हर माह 20 करोड़ रुपये राजस्व वसूलने का लक्ष्य रखा है। लेकिन वार्डों में प्रभारी नहीं होने से वसूली नहीं हो पा रही है। इधर चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद निर्वाचन संबंधित कार्यों का जिम्मा भी निगम अधिकारियों और कर्मचारियों को सौंपा गया हैं। लेकिन मैदानी अमला नहीं होने से ये काम भी प्रभावित हो रहे हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ मुहिम भी बंद
शहर में अमानक पालीथिन के खरीदी, उपयोग और विक्रय पर प्रतिबंध है। लेकिन इसके लिए अमला नहीं होने से कार्रवाई नहीं हो रही है। बीते छह माह पहले शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ कार्रवाई के लिए दस्ते का गठन किया गया था। इसका प्रभारी अशोक वर्मा को बनाया गया था। लेकिन न तो इन्हें कार्रवाई के लिए फुल फ्लैश प्रभार दिया और न ही अमला दिया गया। जिससे सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ कार्रवाई भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
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