इंदौर। हिंदू ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु ग्रह का छाया ग्रह की संज्ञा दी गई है। साथ ही इन दोनों ग्रहों को अशुभ ग्रह माना गया है। दीपावली के पहले कार्तिक माह में राहु और केतु ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे और इस कारण से कई राशियों के जातकों को इसका अशुभ प्रभाव देखा जा सकता है। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, कार्तिक कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि 30 अक्टूबर को राहु तथा केतु राशि परिवर्तन करेंगे। हिंदू पंचांग के मुताबिक, राहु और केतु जब भी राशि परिवर्तन करते हैं तो एक राशि में करीब 18 महीने तक विराजमान रहते हैं। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक राहु का गोचर मंगल की राशि में मेष से बृहस्पति की राशि मीन में होने जा रहा है। वहीं केतु का गोचर तुला राशि से कन्या राशि में होने जा रहा है ।
शनि की तरह फल देता है राहु
ज्योतिष शास्त्र में राहु ग्रह को शनिदेव के समान बताया गया है। वहीं केतु ग्रह को मंगल की तरह बताया गया है। ऐसे में राहु जब शनि के नक्षत्र में और केतु मंगल की नक्षत्र में गोचर करते हैं तो दोनों ही अपने-अपने प्रभाव में संपूर्णता लाते हैं और किसी भी जातक को पूर्ण फल देते हैं। ज्योतिष में राहु एवं केतु को प्रबल प्रभाव कारक ग्रह माना गया है। राहु एवं केतु के प्रभाव से ही सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की स्थिति भी बनती है।
इन राशियों पर होगा प्रभाव
राहु और केतु के राशि परिवर्तन से मेष राशि, कर्क राशि, कन्या राशि और मीन राशि वालों को अलर्ट रहना होगा। मेष राशि वालों को इसके कुछ सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। कर्क राशि वालों का आर्थिक संकट बढ़ सकता है। कन्या राशि वालों के लिए राहु और केतु का गोचर मानसिक तनाव ला सकता है। वहीं मीन राशि वालों के लिए राहु और केतु नई परेशानी खड़ी कर सकते हैं और धैर्य से काम लेगें तो समस्या का निराकरण जल्द होगा। पैतृक संपत्ति में भी लाभ हो सकता है। जीवनसाथी के साथ संबंध मजबूत बनेंगे। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें।
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