भोपाल। व्यापम यानी व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के एक मामले में आरोपित अजय सिंह गुर्जर को सीबीआइ की विशेष अदालत ने सात साल के कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने फैसला सुनाया, जबकि शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक सुनील श्रीवास्तव ने पैरवी की।
हस्ताक्षर और अंगूठे के चिह्न का नहींं हुआ मिलान
अधिवक्ता श्रीवास्तव ने न्यायालय के समक्ष मामले की जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल 2013 में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें अजय सिंह गुर्जर का चयन हुआ था, जिसके आधार पर वह पुलिस आरक्षक के रूप में पदस्थ हुआ। जांच में यह पाया गया कि उक्त परीक्षा की ओएमआर पर अंकित हस्तलिपि/हस्ताक्षर/अंगूठे के चिह्न अभियुक्त के नहीं थे।
डमी अभ्यर्थी से दिलाई परीक्षा
अभियुक्त स्वयं उक्त परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुआ, उसने अपने स्थान पर किसी अज्ञात प्रतिरूपक को उक्त परीक्षा में बैठाकर अनुचित रूप से परीक्षा उत्तीर्ण की थी। आरोपित द्वारा अनुचित साधनों का प्रयोग करने के लिए उद्देश्य से डमी कैंडिडेट द्वारा परीक्षा दिलवाए जाने के आरोप लगाए गए थे।
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