इंदौर । महू वनक्षेत्र में तेंदुए का शव मिले चार दिन बीत चुके हैं, मगर वन विभाग को शासकीय पशु चिकित्सालय की तरफ से रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। इस कारण तेंदुए की मौत का कारण पता नहीं लग पाया है। इसके चलते वन विभाग की जांच एक तरफ ठहर गई है। रेंजर और एसडीओ अपने-अपने स्तर पर मौत की वजह ढूंढने में लगे हैं। कुछ इसे वन्यप्राणियों के बीच संघर्ष होना मान रहे हैं तो कुछ तार का फंदा मिलने से शिकार की आशंका जता रहे हैं। हालांकि, अधिकारियों ने ग्रामीणों के बयान दर्ज किए हैं। बावजूद इसके अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।
बुधवार को महू रेंज में आने वाले आड़ा पहाड़ वनक्षेत्र में तेंदुए का शव मिला। रेंजर वैभव उपाध्याय ने आनन-फानन में वनकर्मियों को बुलाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए महू वेटरनरी कालेज भेजा। चार डाक्टरों के पैनल ने शव का परीक्षण किया, मगर रिपोर्ट अभी तक वन विभाग को नहीं पहुंचाई है। वैसे डाक्टरों ने शव पर किसी भी प्रकार का निशान होने से इनकार किया है। तीन दिन से पैनल में शामिल दो डाक्टर छुट्टी पर हैं। इस वजह से रिपोर्ट मिलने में समय लग रहा है।
दो अधिकारियों में नहीं बैठ रहा तालमेल
सूत्रों के मुताबिक, अभी तक शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं बताई है। रेंजर उपाध्याय और एसडीओ कैलाश जोशी के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा है। इस वजह से तीन से चार दिन बीत चुके हैं। बावजूद इसके तेंदुए की मौत को लेकर दोनों अधिकारियों में कोई चर्चा नहीं हुई है, बल्कि कागज के माध्यम से एक-दूसरे प्रकरण के बारे में जानकारी हासिल करने में लगे है। दोनों अधिकारी अपने-अपने तरीके से तेंदुए की मौत की वजह ढूंढने में लगे हैं।
शिकार की आशंका भी
एसटीएसएफ ने बुधवार को घटनाक्रम का निरीक्षण किया तो तार में तेंदुए का बाल फंसे मिले। साथ ही तार का फंदा भी मिला। इस वजह से शिकार की आशंका जताई है। वैसे एसटीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम के लिए तेंदुए का शव भेजने के बाद महू रेंज ने घटनाक्रम की जानकारी दी। ऐसे में घटनास्थल पर ज्यादा साक्ष्य नहीं मिले। एसडीओ जोशी का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। डाक्टरों से इस बारे में चर्चा हुई है। उन्होंने भी मौत की वजह कुछ स्पष्ट नहीं बताई है। वैसे वन्यप्राणी शाखा ने भी घटनाक्रम की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
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