इंदौर। तमाम क्षेत्रों में ताकत, तेजी और त्वरा के साथ अपनी उपस्थिति दिखा रही इंदौरी महिलाओं ने अब स्टार्टअप की दुनिया में भी अपना दबदबा दिखाना शुरू कर दिया है। आपको जानकर खुशी होगी कि इंदौर के कुल स्टार्टअप में 45 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। इसके अलावा शहर के माहौल में अब ऐसी सकारात्मकता है कि यहां छात्राओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। दरअसल, इंदौर अब सही मायनों में स्त्री शक्ति का वंदन कर रहा है। कैसे हो रहा है यह बदलाव, आइए जानते हैं।
इंदौर की तमाम विशेषताओं के बीच एक विशेषता यह भी है कि यहां महिलाओं का सशक्तीकरण तेजी से हो रहा है। यहां की महिलाएं उद्योग से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में लगातार स्वयं को साबित कर रही हैं। यहां स्थित आइआइटी, आइआइएम जैसे दिग्गज संस्थानों सहित इंजीनियरिंग कालेजों में हर वर्ष महिला छात्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। पहले जिन कोर्सेस में छात्रों की संख्या अधिक होती थी, उनमें भी अब छात्राओं की संख्या लगभग बराबर है।
चाहे वो तकनीक से संबंधित कोर्स हों, मैनेजमेंट के कोर्सेस हों या इंजीनियरिंग के हों। दिलचस्प यह है कि छात्राओं की संख्या में एक या दो प्रतिशत नहीं बल्कि कई गुना तक इजाफा हुआ है। यहां चल रहे स्टार्टअप में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या भी 45 प्रतिशत है। इंदौर महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस शहर में बेहतर वातावरण के कारण भी बाहर से ज्यादा से ज्यादा लड़कियां पढ़ने आती हैं। इस कारण भी यहां के अलग-अलग कालेजों में छात्राओं की संख्या में बड़ा बदलाव आया है।
मैनेजमेंट प्रोग्राम में भी छात्राओं की संख्या बढ़ी
भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर से हर वर्ष मैनेजमेंट प्रोग्राम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं निकलते हैं। यहां के विद्यार्थी देश-दुनिया की बड़ी कंपनियों में बड़े पदों पर कार्यरत हैं। यहां अब छात्राओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां से ह्मयूमन रिसोर्स प्रोग्राम में पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाली छात्राओं की संख्या में भी लगातार इजाफा हुआ है। 2021 में इस कोर्स में सिर्फ 37.5 प्रतिशत छात्राओं ने ही प्रवेश लिया था, जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा 91.17 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
इंजीनियरिंग में भी बढ़ा छात्राओं का दबदबा
श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रतिष्ठित कालेज हैं। यहां ऐसे कई बड़े नवाचार हुए हैं, जिन्होंने देश में नाम कमाया है। इस कालेज में भी छात्राओं का दबदबा बढ़ रहा है। नए नवाचारों में योगदान देने से लेकर खुद के स्टार्टअप तैयार करने में यहां की छात्राएं आगे आ रही हैं। इसकी बड़ी वजह है इंजीनियरिंग कोर्सेस में बढ़ रही महिलाओं की संख्या।
दरअसल, पिछले पांच वर्षों में इस कालेज में छात्राओं की संख्या काफी बढ़ी है। इस वर्ष करीब 335 छात्राओं ने अलग-अलग विभागों में प्रवेश लिया है। ये सारे तकनीकी कोर्स हैं, जैसे बायो मेडिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इंफार्मेशन टेक्नोलाजी, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग। इन सभी कोर्सेस में कुछ वर्ष पहले महज 10 से 12 लड़कियां ही प्रवेश लेती थीं, जबकि इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 35 से 40 हो गई है।
आइआइटी में चार वर्षों में कई गुना बढ़ी छात्राएं
इसके अलावा यहां तकनीक के क्षेत्र में महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए इंक्यूबेशन सेंटर भी मदद प्रदान कर रहा है। अब तक देश में तकनीकी स्टार्टअप में महिलाओं की संख्या काफी कम है। अब इस संख्या में महिलाओं को संख्या बढ़ाने के लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है।
प्रदेश में भी बढ़ रहा प्रभाव
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