भोपाल। शहर की आयुशी श्रीवास्तव को उनके अनोखे शौक ने दुनिया ने नई पहचान दी है। वह यूनीक चीजों का संग्रह करने के लिए माहिर हैं। वह वेस्ट आफ बेस्ट थीम के तहत काम करती हैं, जिसमें वो पुरानी वस्तुएं शामिल हैं जो लाेगों के लिए वेस्ट होती हैं। इस शौक के चलते उनका नाम गिनीज बुक आफ रिकार्ड में भी दर्ज किया जा चुका हैं। आज के युग में कंप्यूटर सीडी का उपयोग न के बराबर हो गया है। लोग पेनड्राइव और हार्डडिस्क का उपयोग करने लगे हैं। आयुषी ने इन्हीं सीडी का संग्रह किया है, इन सीडी में उन्होंने भगवान गणेश की विभिन्न आकृतियां तैयारी की हैं, जो आज चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इस शौक लिए उन्हें देशभर के 300 पुरस्कार मिल चुके हैं। जिसमें लिम्का बुक आफ रिकार्ड, जिनियस बुक आफ रिकार्ड, स्वामी विवेकानंद ग्लोबल पीस अवार्ड, मदर टेरेसा ग्लोबल पीस अवार्ड, अमेजिंग इंडियन रिकाडर्स और ओएमजी बुक आफ रिकार्ड जैसे पुरस्कार शामिल हैं।
प्लानिंग इंजीनियर आयुषी श्रीवास्तव ने बताया कि मेरे पास आठ हजार सीडी का संग्रह है। हर सीडी पर गणेश जी की अलग-अलग आकृति तैयार की हैं।जिसमें एकाक्षर, एकदन्त, लम्बोदर, गजानन, बुद्धिनाथ, बालगणपति , मंगलमूर्ति, मूशक वाहन, वक्रतुंड, बुद्धि प्रिय की तस्वीर लगाकर सुंदर आकृतियां तैयार की हैं। जिससे बेकार सीडी व भगवान गणेश जी की तस्वीर का सार्थक उपयोग किया गया है।
ऐसे आया आइडिया
आयुशी ने बताया कि संग्रह का आइडिया बचपन में एक कबाड़ीवाले को देखकर आया, जो बहुत सारे शादी कार्ड लेकर जा रहा था। शादी के बाद लोग कार्ड को विसर्जित कर देते हैं, कबाड़ी वाले को दे देते हैं या कचरे के रूप में फेंक देते हैं। तब मुझे आइडिया आया कि मैं शादी के कार्ड कलेक्ट करूं। मैंने 2015 से शादी कार्ड का कलेक्शन शुरू किया। आज मेरे पास 25,000 शादी के कार्ड का संग्रह हैं। जिसमें हर कार्ड के अलग-अलग डिजाइन हैं।
25 हजार सिक्के, जिसमें 100 विदेशी
वहीं उन्होंने सिक्कों का भी संग्रह किया है। जिसमें रिश्तेदारों व अन्य स्थानों से भी सिक्के एकत्र किए। उसके पास वर्तमान में 2500 से ज्यादा सिक्के हैं। इसमें 100 विदेशी सिक्के हैं। ग्वालियर की राजशाही मुद्रा व ईस्ट इंडिया कंपनी के दौरान चलने वाली मुद्रा भी है। साथ ही डालर, यूरो, पौंड, सेंट, पेनी, आना जैसी मुद्रांए हैं। उनके इस संग्रह में इंग्लैंड, पाकिस्तान, नेपाल, मेक्सिको, यूएसए, कनाडा, जापान, मलेशिया, इटली, यूरोप, थाइलैंड, बैंकाक, नीदरलैंड, हांगकांग, घाना, आस्ट्रेलिया, चीन, ईस्ट अफ्रीका, टर्की, मालदीव, सिंगापुर, फिलिस्तीन, सऊदी अरब, इराक, ईरान आदि देशों के सिक्के शामिल हैं।
संग्रह के साथ करती हैं समाजसेवा
आयुशी ने बताया कि हमारे आस-पास की समाजिक और पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं के निवारण के लिए मैं बचपन से ही एनजीओ के साथ काम कर रही हूं। मैंने रक्तदान शिविर आयोजित किए। साथ ही समाज में बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक भी कर रही हूं। शहर में पौधरोपण अभियान भी शुरू किए हैं।
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