भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन की प्रक्रिया चल रही है। सूची से नाम हटाने से पहले जिला स्तर पर अधिकारी सत्यापन करेंगे। मृत व्यक्ति का नाम सूची से हटाने के लिए मृत्यु प्रमाण अनिवार्य रूप से लेना होगा। स्वप्रेरणा से कोई भी नाम नहीं हटाया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने यह व्यवस्था इसलिए बनाई है, ताकि मतदाता सूची में कोई गड़बड़ी न हो।
भाजपा और कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाया था। अब तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए 31 लाख से अधिक आवेदन मिल चुके हैं। इनका परीक्षण करके चार अक्टूबर को सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, हटाने और संशोधन के लिए आवेदन 11 सितंबर तक लिए जाएंगे। इस अवधि में प्राप्त होने वाले आवेदनों का निराकरण 27 सितंबर तक करके चार अक्टूबर को सूची का अंतिम प्रकाशन होगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि नाम जुड़वाने के लिए 15 लाख 90 हजार 464, हटवाने के लिए चार लाख 53 हजार 186 और संशोधन के लिए अब तक 10 लाख 82 हजार 266 आवेदन मिले हैं। किसी भी मतदाता का नाम सूची से हटाने से पहले सत्यापन कराया जाएगा।
म़ृत मतदाताओं के मामले में म़ृत्यु प्रमाण पत्र लिया जाएगा ताकि कोई बाद में यह दावा न कर सके कि उसका नाम गलत तरीके से हटाया गया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि स्वप्रेरणा से नाम कोई सूची से नहीं हटाया जाए। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को कम से कम दस प्रतिशत मामलों का सत्यापन करना होगा। बूथ लेवल आफिसर को शत प्रतिशत सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई है।
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